हम प्रतिदिन लेन देन के लिए नोटों का प्रयोग करते हैं, हर देश की अपनी मुद्रा होती है और उस पर कुछ न कुछ अंकित जरुर होता है। भारत के नोटों (Indian Currency Note) पर भी कुछ न कुछ अंकित है अगर आप जानना चाहते हैं कि इन नोटों पर किसका चित्र अंकित होता है तो इस लेख को जरुर पढ़े, जिससे आपको इन प्रश्नों का उत्तर मिल सके जैसे 100 के नोट के पीछे किसका चित्र अंकित है आदि।
10 के नोट के पीछे किसका चित्र अंकित है?
10 के नोट के पीछे कोणार्क के सूर्य मंदिर की तस्वीर है, यह भारत का एक प्रसिद्ध मंदीर है जो ओडिशा के पूरी जिले से मात्र 35 किमी दूर है। पूर्वी गंगवंश के राजा प्रथम नरसिंह देव ने इसका निर्माण करवाया था। सन् १९८४ में इस मन्दिर को विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता दी गयी है।
20 के नोट के पीछे किसका चित्र अंकित है?
20 के नोट के पीछे एलोरा की गुफाओं के चित्र अंकित है। यह औरंगाबाद, महाराष्ट्र से 30 कि॰मि॰ की दुरी पर स्थित है, इन्हें राष्ट्रकूट वंश के राजाओ ने बनवाया था, शिल्प स्थापत्य कला को दर्शाने वाली ये गुफाएँ काफी अद्भुत है।
50 के नोट के पीछे किसका चित्र अंकित है?
50 रुपये के नए नोट के पीछे हम्पी मंदिर का चित्र अंकित किया गया है। कर्नाटक के विजयनगर में स्थित यह मन्दिर समृद्धशाली सभ्यता का प्रतीक है अब इसके केवल कुछ ही अवशेष शेष है। हरिहर एवं बुक्का इसके संस्थापक है यह काफी सुंदर जगह है।
100 के नोट के पीछे किसका चित्र अंकित है?
100 के नोट के पीछे रानी की वाव का चित्र है जो गुजरात के पाटण में स्थित है। इस विश्व विरासत स्थल से भी नवाज़ा जा चूका है। रानी उदयामति ने इस वाव का निर्माण करवाया था। 64 मीटर लंबा, 20 मीटर चौड़ा तथा 27 मीटर गहरा यह वाव काफी सुंदर है।
200 के नोट के पीछे किसका चित्र अंकित है?
200 के नोट के पीछे सांची का स्तूप अंकित है, यह भारत के मध्यप्रदेश के साँची में स्थित है। इसका निर्माण तीसरी शताब्दी ईसापूर्व में हुआ था, जिसे सम्राट अशोक महान ने बनावाया था। इसके अलावा यहाँ छोटे-बड़े अनेकों स्तूप भी है।
500 के नोट के पीछे किसका चित्र अंकित है?
500 के नोट के पीछे लाल किला अंकित है, यह लाल किला दिल्ली में स्थित है, बलुआ पत्थर से बना यह किला मुगलकालीन वास्तुकला, सृजनात्मकता और सौंदर्य को दर्शाता है। शाहजहां ने इस किले को बनवाया था जो एक मुग़ल शासक था।
2000 के नोट के पीछे किसका चित्र अंकित है?
₹2000 के भारतीय नोट पर मंगलयान का चित्र अंकित है जो यह दर्शाता है कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) मंगल गृह के कक्ष में यान पहुचाने में सफल रही है। यह भारतीय वैज्ञानिकों के लिए एक बड़ी सफलता मानी जाती है। इसे 5 नवम्बर 2013 को 2 बजकर 38 मिनट को छोड़ा गया था।
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