किसी कार्यक्रम की शुरुआत यदि शायरी और हंसी ठिठोली से होतो वह कार्यक्रम जरुर सफल होता है और उसके दर्शको को बड़ा आनन्द भी आता है। इसके लिए एंकर महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, वह जोक सुना कर, शायरी सूना कर Entertainment करता है। यदि आप कार्यक्रम की शुरुआत के लिए शायरी तलाश रहें हैं तो आपको इस लेख में यह शायरी, मंच संचालन स्वागत शायरी, एंकरिंग के लिए शायरी, Anchoring quotes in hindi मिल जाएँगे।
तुम जो आए हो तो शक्ल-ए-दर-ओ-दीवार है और कितनी रंगीन मिरी शाम हुई जाती है।
हर मायूस को हंसाने का कारोबार है अपना दिलो का दर्द खरीद लेते हैं बस यही रोजगार अपना।
आओ आज मुश्किलों को हराते हैं चलो आज दिन भर मुस्कुराते हैं।
गिर गिर गिरके यारों मुझको खूब संभलना आता है जलकर बुझना आता है बुझ कर जलना आता है अपने ही किस्मत लिखता हूं खुद अपने ही हाथों मुझको सारी महफिल का अंदाज बदलना आता है।
भ्रमर परागों पर बैठेगें धरी रहेगी रखवाली, खुश्बू ख़ुद उड़ने को आतुर क्या कर लेगा जी माली, हम तो खुशी बांटने आये, खुशी बांटकर जायेंगे, चलो बजा दो सारे मिलकर, एक बार खुलकर ताली।
ये नन्हे फुल तब महकते हैं जब खुदा की नीली छत्रियां तनती हैं इन नन्हे मुन्हे फरिश्तो क लिए जोरदार तालियाँ तो बनती हैं।
मुस्कुराने की मकसद ना ढूंढ वरना जिंदगी यूं ही कट जाएगी कभी बेवजह मुस्कुरा के देख तेरे साथ साथ जिंदगी भी मुस्कुराएगी।
हमारी महफ़िल में लोग बिन बुलायें आते हैं, क्योकि यहाँ स्वागत में फूल नहीं पलकें बिछाये जाते हैं।
सारे दुःख मिटा दो चेहरे की हंसी से गमों की आग बुझा दो चेहरे की हँसी से हर कोई खुश रह नहीं सकता चाह कर भी खुशी का राज बता दो चेहरे की हँसी से।
दिन निकला हर दिन जैसा पर आज का दिन कुछ ख़ास हो अपने लिए तो जीते हैं रोज आज सबके भले की अरदास हो।
ज़िन्दगी तब बहतर होती है जब हम खुश होते हैं, लेकिन ज़िन्दगी तब बहतरीन होती है जब हमारी वजह से कोई खुश होता है।।
मंच संचालन शायरी
चेहरे पर हंसी और दिल में खुशी होती है सही मायनों में यही जिंदगी होती है और हंसना किसी इबादत से कम नहीं किसी और को हंसा दो तो बंदगी होती है।
मंच संचालन शायरी
शब्दों का वजन तो हमारे बोलने के भाव से पता चलता हैं, वैसे तो, दीवारों पर भी “वेलकम” लिखा होता हैं।
वो आए घर में हमारे ख़ुदा की क़ुदरत है कभी हम उन को कभी अपने घर को देखते हैं।
बंधन में है दिल एक बहाली तो बनती है, नीरस से माहौल में एक खुशहाली तो बनती है, यह रंग जो बिखरे है पर्दें पर गर समेटने है तो, जनाब आपकी एक ताली तो बनती है।
Anchoring Shayari in Hindi
मीठी बात और चेहरे पर मुस्कान, ऐसे लोग ही है हमारी महफ़िल के शान।
तौड़ के हर एक पिंजरा उड़ चलो आसमा की और, चाहे लाख लगा ले कोई बंदिशें, तौड़ दो हर एक छोर करना है हर सपने को पूरा बस थान लो एक बार, हर मुश्किल हल होगी जब इरादा होगा तुम्हारा कठोर।
दिल को सुकून मिलता हैं मुस्कुराने से, महफ़िल में रौनक आती है दोस्तों के आने से।
तुम आ गए हो तो कुछ चाँदनी सी बातें हों ज़मीं पे चाँद कहाँ रोज़ रोज़ उतरता है।
इम्तिहान समझकर सारे गम सहा करो शख़्सियत महक उठेगी बस खुश रहा करो।
मंच संचालन स्वागत शायरी
तुमको मिल सकता है मुझसे बेहतर तो हमको मिल सकता है तुमसे बेहतर लेकिन तुम और हम ग़र मिल जाएं तो कुछ और नहीं हो सकता इससे बेहतर।
मुहोब्बत का एक हसीं अहसास हूँ में, हर पल में घुल जून कुछ एसा खास हूँ में। पूरी उम्र जपो यद् रहे आपको, इस शाम का वो हसीं आगाज़ हूँ में।।
ग़र ख़ुद के साथ ज़ीना आ जाये टूटे हुओं के ज़ख्मो को सीना आ जाये हर पल बरसती है नियामतें कायनात की बस हर दिन की मुबारक देना आ जाए।
मंच संचालन शायरी
जो गर चलना हो साथ, तो अपना हाथ बढ़ा दीजिये… हो गर मन में प्रेम तो फिर मुस्कुरा दीजिये। है आज हमारा, क्या पता कल हो ना हो…. कोई गीत हो मन में तो फिर गुनगुना दीजिये।।
आज के दिन को सर झुकाकर करें सज़दा मन की उमंगों को पँख लग जायेंगे भर लिया ख़ुद को दुआओं से इस दिन तो दूसरों के लिए भी दुआ कर पाएंगे।
एंकरिंग के लिए शायरी
पूजा हो मंदिर में तो थाली भी चाहिए, गुलशन है गुल का तो माली भी चाहिए है, दिल है दिलवाला तो दिलवाली भी चाहिए, कार्यक्रम है हमारा तो आपकी ताली भी चाहिए।
मिलते तो बहुत लोग है ज़िन्दगी की राहों में, मगर हर किसी में आप जैसी बात नहीं होती।।
हर सुबह एक नई शुरुआत लाती है पुरे दिन के नेक संकल्प सजाती है जिसने जाना हर दिन है होता शुभ ये सुबह उसी को ख़ूबसूरत बनाती है।
अंदाज़ ऐसे हों की किसी के गले का हार बन जाए जिस महफ़िल में चले गए वो महफ़िल परिवार बन जाए किसी ख़ास त्यौहार पर ही जाने क्यों होती हैं खुशियां जीना ऐसा हो की अपना हर दिन त्यौहार बन जाए।
ठीक नहीं कहना मेरा सबसे यह हर बार, करतल ध्वनि हो जाये तो हो जाये उपकार, बिना कहे बजती रहें हर प्रस्तुति के बाद, तड़-तड़ वाली तालियाँ तब है कोई बात।
कव्वाल की शोभा कव्वालियों से होती है, गुलाब की शोभा उसकी लालियो से होती है, कलाकार की शोभा कलाकारियो से होती है, और दर्शको की शोभा उनकी तालियों से होती है।
Anchoring Shayari in Hindi
सुनता हूँ मैं कि आज वो तशरीफ़ लाएँगे अल्लाह सच करे कहीं झूटी ख़बर न हो।
अपनी कद्रदानी को, इस तरह ना छिपाइए, अगर प्रस्तुति पसंद आई हो, तो तालियाँ बजाइये।
कौन पहुंचा है कभी अपनी आखरी मंजिल तक, हर किसी के लिए थोडा आसमान बाकि है। ये तुझको लगता है तू उड़ने के काबिल नहीं, सच तो ये है की तेरे पंखों में अभी भी उड़न बाकि है।।
Anchoring quotes in hindi
सौ चाँद भी चमकेंगे तो क्या बात बनेगी तुम आए तो इस रात की औक़ात बनेगी।
सवेरा होते ही दुनिया आबाद होती है। पलके खुलते ही इस दिल में तुम्हारी याद होती है खुदा करे भर जाए तुम्हारा दामन ख़ुशियों से हमारे लबों पर बस यही फ़रियाद होती है।
इस ख़ास उत्सव को कुछ इस तरह मनाकर देखें अपनों की तरह गैरों को भी अपना बनाकर देखें ऊँचे ओहदे,ज़ागीर, क़ारोबार से तो सज गये आज से जिंदगी को नेक नियति से सजाकर देखें।
कुछ परिंदे उड़ रहे हैं आँधियों के सामने, उनमें ताकत ना सही पर होसला होगा ज़रूर। इसी तरह तक आगे बढ़ते रहे तो देखना, तय समंदर तक एक दिन फासला होगा ज़रूर।
ताली आप बजाओगे, बिखर जायेगा नूर, बज जायेगा ह्रदय में, बच्चों के संतूर, अधिक परिश्रम से किया, इनने आज धमाल, ये बच्चे हक़दार हैं, ताली हो भरपूर।
एंकरिंग के लिए शायरी
शब्दों के इत्तेफाक़ में यूँ बदलाव करके देख तू देख कर न मुस्कुरा बस मुस्कुरा के देख।
ये माना की जिंदगी की राह आसान नहीं पर मुस्कुराकर चलने में कोई नुकसान नहीं।
Shayari for Anchoring in Hindi
जैसा मूड हो वैसा मंजर होता है मौसम तो हर इंसान के अंदर होता है।
मुद्दत से आता हर दिन ज़िन्दगी में नई उम्मीद जागे आज का दिन बख्शे खुशियां आपको नेक कामोंसे सबके नसीब जागे।
ना संघर्ष, ना तकलीफें…क्या है मजा फिर जीने में। तूफान भी थम जाएगा, जब लक्ष्य रहेगा सीने में।
कार्यक्रम में खुशियों का महोत्सव हो जाएगा, समंदर में लहरों का महोत्सव हो जाएगा, शोभा आपकी और हमारी दो दूनी चार होगी, जब आपकी तालियों का महोत्सव हो जाएगा।
मंच संचालन हेतु शायरी
रौनक़-ए-बज़्म नहीं था कोई तुझ से पहले रौनक़-ए-बज़्म तेरे बाद नहीं है कोई।
बिन बूंदो के बारिश का एहसास कैसे होगा, जूनून हो दिल में जिसके वो हताश कैसे होगा, कार्यक्रम के इस रंग का मिज़ाज़ कैसा है, बिन ताली के हमें यह एहसास कैसे होगा
Manch Sanchalan Shayari in Hindi
ख़ुद से हो जाये मुहब्बत ऐसा कुछ इज़ाद करें ख़ुद के ही विचारों से ख़ुद को आबाद करें नफरत छोड़ आज के दिन मना लें खुशियां इतनी कल ना रहें तो पंछी भी चहक चहक कर याद करें।
ऐ खुदा अपनी अदालत में हम सबके लिए ज़मानत रखना, हम रहे या ना रहें, हमारे दोस्तों को यूँ ही सलामत रखना।।
माटी का पुतला हूँ, आपसे जुदा नहीं हूँ। गलती हो तो माफ़ करना, इन्सान हूँ खुदा नहीं हूँ।। कौन कहता है कि आसमां में सुराख़ नहीं होता, इक पत्थर तो तबियत से उछालो यारों।।
अपनी एक ज़मी, अपना एक आकाश पैदा कर, तू अपने लिए एक नया इतिहास पैदा कर। मांगने से कब मिली है ख़ुशी मेरे दोस्त, तू अपने हर कदम पर विश्वास पैदा कर।।
बुलंदियां उसे मिलती है जो कुछ नया करता है छोड़ दीजिये उस सब बात को जिसे कोई और जाता है।
तुम क्या चले गए बाग़ में , तितलियाँ चली गयी। फूल मुरझाये पत्तियां राख हो गयी अब और मत सताओ , गाडेन में पानी देना है जल्दी आओ।
कानो में खनकती है खूबसूरत बालियाँ मजा तब आती है जब बजती है महफ़िल में तालियां।
उम्र की राह में ज़ज़्बात बदल जाते हैं वक्त की आंधी में आंधी में हालत बदल जाते हैं। सोचता हु काम कर करके रिकॉर्ड तोड़ दू लेकिन कम्वख्त सैलरी देखते ही ख़यालात बदल जाते है।
कुछ चेहरे यु ही नहीं मुस्कुराया करते रंग बस्ती वो यु ही नहीं उड़ाया करते बड़ी ज़िम्मेदारियाँ है सारा जहां महकाना कुछ फूल दुनिया में यु ही नहीं आया करती है।
आसमान से अच्छा कोई नहीं समंदर से गहरा कोई नहीं वैसे तो हमे हर जगह प्यार मिला लेकिन आप लोग जितना प्यार दिया कोई नहीं।
Anchoring quotes in hindi
खुदा ने ज़िंदगी दी है तो फिर किस बात का गम है और तालियां वो बजाओ जिनके हाथो में दम है।
कहते हैं कोई हिन्दू है तो कोई मुसलमान है। लेकिन एक अच्छे कलाकार के लिए तालियां ही भगवान् है
मंजिले उन्हें मिलती है जिनके सपनो में जान होती है। सिर्फ पंख होने से कुछ नहीं होता दोस्त हौसलों से उड़ान होती है।
बिना प्रकाश के कोई उजाला हो नहीं सकता बिना दिल के कोई दिलवाला हो नहीं सकता जो न बजाए मेरे कलाकारों के लिए ताली वो कार्यक्रम का दीवाना हो नहीं सकता।
चलो हम भी कुछ गजले सुनाते हैं हर पल की याद तुम्हे दिलाते हैं रखना हमे अपने दिलो में यंहा से जाने के वाद। क्योकि इन लम्हो को हम जो इतना यादगार नहीं बनाते।
किसी ने रोजा रखा तो किसी ने उपवास रखा दुआ उसी कबूल होती है जिन्होने अपने माँ बाप को अपने पास रखा।
ड्राईफूड्स में जैसे छुआरा है मेरे …..आज भी दिल से कुंवारा है।
कोई हिन्दू है तो कोई मुसलमान है एक सच्चे कलाकारों के लिए तालियां ही भगवान् है।
आज कल की लड़किया भी अपने हुस्न पे घमंड करती है हिंदी ठीक से आती नहीं इंग्लिश में बात करती है।
हर तरफ पराये का साया है हर पेपर में ज़ीरो आया है हम तो बिना मुँह धोये एग्जाम देने चले जाते हैं दोस्त कहते हैं कमीना रात भर में मर गया है।
ज़िंदगी के लिए जान ज़रूरी है जीने के लिए अरमान ज़रूरी है चाहे हमारे पास लाखो गम हो लेकिन यंहा बैठे लोगो के चेहरे पर मुस्कान जरुरी है।
लैला से प्यार करके मजनू की किस्मत जाग गयी , और मजनू ने इतने लव लेटर लिखा की लैला पोस्टमेन के साथ भाग गयी।
उड़ जाय उसे छक्का कहते हैं जो भीड़ में लग जाय उसे धक्का कहते है कलाकार ने बता दिया हमको क्यों उसे मंच का इक्का कहते हैं।
जैसे पूनम की रात रौशन होती है वैसे आस आज हर दिल में जगी है सलामत रहे आपका ये उज्जवल व्यक्तित्व , आपके आगमन से इस आंगन की सांन बढ़ी है।
आँखों में ख़ुशी लव पर हंशी गम का कहि नाम न हो ये सुबह लायी आपकी ज़िंदगी में इतनी खुशियां जिसकी कभी साम न हो ,
तुझे मोहब्बत करना नहीं आता मुझे मोहब्बत के सिवा कुछ नहीं आता ज़िंदगी जीने के सिर्फ दो ही तरीके है एक तुझे नहीं आता एक मुझे नहीं आता।
अगर सच्ची लगन और विश्वास न होती। तो मन में दर्सको की चाह न होती कुछ तो बात ही दिल वालो में वरना आपसे मिलने की इतनी आस नहीं होती।
Shayari for Anchoring in Hindi
चुपचाप से बैठ के नहीं थोड़ा शोर से होना चाहिए तालियों सीटियों की हल्ला थोडे जोर से होनी चाहिए
लाख दिए जला लीजिये अपनी महफ़िल में लेकिन रौशनी तो हमारे आने से ही होगी।
चांदनी रात पर चाँद का अहसान हो दिन के उजाले पर सूरज का अहसान हो , अहसान किया जो आप इस दर पर आये हमपर आपकी रहनुमा की अहसान हैं।
मुस्कराहट का कोई मोल नहीं होता कुछ रिस्तो का कोई तोल नहीं होता लोग तो मिल जाते हैं हर मोड़ पे हर कोई आप जैसा अनमोल नही होता।
ज़िंदगी का सौक कभी पाला नहीं जाता शीशे का प्याला कभी उछाला नहीं जाता मेहनत से सबर जाती है ज़िंदगी हर काम तक़दीर पर डाला नहीं जाता।
चन्दन सी आदर कुमकुम सी आस्था पुष्पों सा प्रेम और शब्दो का समर्थन लेकर सर्वप्रथम माँ सरस्वती को नमन करता हु और आप सभी को प्रणाम करता हु।
चुपचाप बैठ के नहीं थोड़ा सोर से होना चाहिए , तालियों सीटियों का होना थोड़ा जोर से होना चाहिए।
जैसे जीजा को साली पसंद होती है वैसे हर महफ़िल को ताली पसंद होती है।
ये हुनर ये सादगी ये अपनेपन की मूरत नहीं देखि किरदार तो बहुत देखे है ज़माने में मगर आप जैसी सख्सियत नहीं देखि।
पूरी धरा भी साथ दे दे तो कुछ और बात है पर आप ज़रा भी साथ दे तो कुछ और बात है यु तो एक पाव से भी चलते हैं लोग। पर दूसरा भी अगर साथ दे तो कुछ और बात है।
हिन्दुस्तानियो का नशा चाय की पियालियो में होता है लेकिन एक कलाकार का नशा सिर्फ तालियों में होता है।
राग बजता है रंग बजता है प्यार का अंग अंग बजता जब यह ताली बजाते हैं हुजुरेवाला जनाबे अली तो ऐसा लगता है , संगीते का जलतरंग बजता है।
लड़कियों की अदा हमे पसंद नहीं लड़कियों की बाते हमे पसंद नहीं ये तो दोस्तों के ज़िद है वार्ना हमे लड़कियां पटाना पसंद नहीं।
मंच संचालन हेतु शायरी
“दर्शकों थोड़ा जोश में ताली बजाओ.. और जो ताली न पीटे, उन्हें हमारी जगह संचालन को बुलाओ! जब हजारों की भीड़ में मंच को पड़ेगा संभालना तब समझ आएगा, कितना ज़रूरी है संचालकों पर तारीफें उड़ेलना!”
“प्रभु कृपा से जीवन में आनंद की बहार है हृदय में चारों पहर, गिरधर की जय जयकार है”
नीम का पेड़ कोई चन्दन से कम नहीं हमारा शहर भी कोई लन्दन से कम नहीं जहां बरस रही है आप सभी की मीठी तालियां ये हमारे लिए अमृत से कम नहीं।
बिंदास मुस्कुराओ क्या गम है ज़िंदगी में टेंसन किसको कम है याद करने वाले तो बहुत है आपको दिल से तंग करने वाले तो सिर्फ हम है।
मन मचल के मोर होना चाहिए इस शाम परफॉर्मन्स का दौर होना चाहिए , सुनाने हम बहुत कुछ आये हैं लेकिन आपकी तालियों में भी ज़ोर होना चाहिए।
खूबसूरत से एक पल का किस्सा बन जाता है , जाने कब कोन ज़िंदगी का किस्सा बन जाता है कुछ ख़ास लोग होतें हैं ज़िंदगी में जिसे कभी न बिछड़नेवाला रिस्ता बन जाता है।
लेकर आया हु पैगाम आखड़ी जाने कब ये बात होगी। घडी दो घडी का साथ है , जाने कब मुलाकात होगी।
जिसके पास होती हसी घर की चाभियाँ हो होती है प्यारी प्यारी भाभियाँ साहिल की टोली से मिस …. तो जोरदार ताली हो जाता।
“बड़े दिनों बाद ये मौका आया है इस प्रांगण में उत्सव छाया है चलो शुरू करें हम प्रस्तुतियां सारी देखें पहले आती है अब किसकी बारी!!”
कल हो तो आज जैसा महल हो तो ताज जैसा फूल हो तो गुलाब जैसा कद्रदान हो तो आप जैसा ,
आज का अवसर बड़ा निराला है आज यंहा नूर बरसने वाला है एकबार जोरदार तालिया बजा दे कार्यक्रम अभी शुरू होने वाला है।
बारिश ऐसी हो की समंदर में उफान हो जाय और तालियां ऐसी बजे की महफ़िल में जान आ जाय।
करेंसी के लिए पावंड का , क्रिकेट के लिए ग्राउंड का।, और कार्यक्रम के लिए तालियों के साउंड का होना बहुत जरुरी है।
ये चमक नहीं निगाहो में बुलंदी है ख्यालो में , मैं पत्थर से भी टकराकर उसे रेज़ा रेजा कर दूंगा इस मंच ने मुझे यह मौका दी है।
मंच की ज़िम्मेदारी के लिए आभार इससे पहले करूं कुछ पेश सुनना चाहूंगा तालियों की एक झंकार! रहेगी कोशिश, इस शाम का रंग न होने दूं भंग…. जब रहेगी जुगलबंदी हमारी और आपका संग”
चावल में दूध डालो तो उसे खीर कहते है आपके लोग के जैसा चाहने वाले हो तो तक़दीर कहते हैं।
सूरज हर शाम को ढल ही जाता है पतझर बसंत में बदल ही जाता है। मेरे मन मुसीवत में हिम्मत नहीं हारना। समय कैसा भी हो गुजर ही जाता है।
“धन्यवाद, अतिथिगण.. जो स्वीकारा ये निमंत्रण आपकी उपस्थिति से सुंदर हुआ ये क्षण…. आशा है, आज का उत्सव आपके अधरों पर मुस्कान लाएगा.. बीत जाने पर भी ये जलसा, आपको दोबारा याद आएगा”
बागो में फूल खिलते रहेंगे , हवा आने पर पत्ते हिलते रहेंगे , और रही ऊपर वाले की मर्जी तो जिस तरह से हम आज मिले वैसे ही मिलते रहेंगे।
प्यार की कोई गीत सुना दो मेरी हार को आज जीत बना दो आये हो रहनुमा बनके हमारे अपने शब्दो से जीवन को संगीत बना दो।
दिल में कोई गम नहीं बातो में कोई दम नहीं ये ग्रुप है नाबाओ का यंहा कोई किसी से कम नहीं।
न पैसा लगता है न खर्चा लगता है , प्लीज् स्माइल कीजिये बड़ा अच्छा लगता है।
“नमस्कार, अभिनंदन स्वीकार करो इस संध्या के संचालक का साथ ही स्वागत करो मेरे सहचालक का, हम दोनों मिल कर आज इस संध्या संचालन की बागडोर संभालेंगे इस उत्सव को बना विशेष अतिथियों का मन बहला लेंगे आशा है, हम दर्शकों का मन आज जीत हम पाएंगे… चलो शुरू करतें हैं अब उत्सव… अब आपका दिल हम बहलाएंगे”
चम् चम करती चांदनी टीम टीम करते तारे ताली कोई नहीं बजा रहे सोक सभा में आये क्या सारे।
गुजरता हुआ वक्त गुजर जाएगा अगर कुछ पास रह जाएगा जो वर्षो वाद भी याद रह जाएगा तो वह होगा इस हसीन दिन का कोई रौशन सा लम्हा।
जागते आँखों से खुवाब बना है मैंने हजारो चेहरों में तुझको चुना है मैंने तेरे खुशबु से महक जाते हैं साँसों के गुलाब तेरे बारे में हवाओ से सुना है मैंने।
“दोस्तो, इस जश्न का आगाज़ करते हैं ऊपर वाले को कर सलाम मेहमानों का इस्तिकबाल करते हैं थोड़ा अर्ज़ हम फरमाएं थोड़ी उनसे बोलचाल करते हैं”
बस इतना समझ लीजिए स्क्रिप्ट का दरिया है और… बोलते चले जाना है”
वो कहते है न समय का कैसा मोड़ है रात दिन की दौर है खुश रहने का समय नहीं बस खुश दिखने की होर
सागर के किनारे पर खजाने नहीं आते जो लम्हे हाथ से फिसल जाय वो दुबारे नहीं आते आओ डूब जाए हम सब मस्ती में क्योकि रोज ऐसे दिन सुहाने नहीं आते।