अपक्षय किसे कहते हैं ?

अपक्षय किसे कहते हैं एवं इसके प्रकार?

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By Shubham Jadhav

प्रश्न के उत्तर ढूंढने की जिज्ञासा बहुत से लोगो में होती है किसी भी नए शब्द को सुनते ही हम सोचने लगते हैकि इसका मतलब क्या होता है और भी बहुत कुछ वैसे आज हम ले कर आये है अपक्षय किसे कहते हैं? इसके कितने प्रकार होते है और ऐसे ही अपक्षय से जुड़े सवालों के जवाब पाने के लिए इस पोस्ट को आखिर तक जरूर पढियेगा

अपक्षय किसे कहते हैं?

चट्टानों का विखंडन यानिकि टूटना फूटना अपक्षय कहलाता है इसमें चट्टाने अपनी मौजूदा जगह पर ही विखंडित होती है। इसमें टूटने से निर्मित भूपदार्थों का एक जगह से दूसरी जगह स्थानान्तरण नहीं होता है ।यह बहुत जटिल प्रक्रिया है जिसमें वातावरण का तापमान, नमी, चट्टान की संरचना, दाब और विविध रासायनिक और जैविक कारक एक साथ मिलकर काम करते हैं। इसे ऋतुक्षरण भी कहा जाता है। आसान भाषा में कहा जाए तो जब चट्टानें समय के साथ टूट फुट कर अपने ही स्थान पर टुकड़ो के रूप में बिखरने लगती है तो उस प्रक्रिया को अपक्षय कहते है।

अपक्षय के प्रकार –

अपक्षय की इस प्रक्रिया को इसके कारकों के आधार पर तीन भागों में बांटा गया हैं –

  1. भौतिक अपक्षय
  2. रासायनिक अपक्षय
  3. जैविक अपक्षय

भौतिक अपक्षय किसे कहते है?

इसे यांत्रिक अपक्षय भी कहा जाता है। किसी भी प्रकार के दाब के कारण चट्टानों में जो टूट फुट होती है उसे भौतिक अपक्षय कहा जाता है । बर्फ के जमने और पिघलने के कारण भी चट्टानों में टूट फुट हो जाती है। इसमें चट्टानों के टूटने की प्रक्रिया में कोई रासायनिक बदलाव नहीं होता है । नमक और सूर्याताप के कारण भी ये अपक्षय सम्भव है।

रासायनिक अपक्षय किसे कहते है?

रासायनिक क्रियाओ के कारण जो टूट फुट चट्टानों में होती है वो रासायनिक अपक्षय कहलाता है। जैसा की लोहा ऑक्सीकरण के कारण जंग लगने से खराब हो जाता है यह भी कुछ ऐसी ही प्रक्रिया है पानी में ऑक्सीजन वायुमण्डलीय आई ऑक्सीजन गैस घुली रहती है गैस चट्टानों के खनिजों से संयोग कर उन्हें ऑक्साइड में बदल देती है जिससे की चट्टानों का अपक्षय होने लगता है।

जैविक अपक्षय किसे कहते है?

चूहे केचुए आदि इनके जैसे जीव जब बिल खोदते है तो जैविक अपक्षय होने की संभावना होती है। पेड़ो की जड़े जब चटानो को कटती हुई आगे बढ़ती जाती है तब भी चट्टानों का अपक्षय होता है। यह सभी जैविक अपक्षय के अंतर्गत आते है।

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