भारत में जनहित याचिका का जनक किस कहा जाता है?

भारत में जनहित याचिका का जनक किसे कहा जाता है

No Comments

Photo of author

By Mridul Navgotri

क्या आप जानते हैं कि भारत में जनहित याचिका का जनक किसे कहा जाता है? अगर नही तो इस आर्टिकल में आपको इसका उत्तर मिल जाएगा।

भारत में जनहित याचिका का जनक किसे कहा जाता है?

भारत में जनहित याचिका का जनक पी एन भगवती (P. N. Bhagwati) को कहा जाता है, इनका जन्म 21 दिसम्बर 1921 को हुआ था, तथा यह 12 जुलाई 1985 से 20 दिसंबर 1986 तक उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायधीश भी रहे हैं। जनहित याचिका का अर्थ होता हैं कि वो वाचिका जो किसी व्यक्ति या समूह के हितो के लिए दायर की जाती है। इस याचिका में कोई भी व्यक्ति सार्वजनिक महत्व के विरुद्ध या मौलिक अधिकार को प्रभावित करने वाले निर्णयों के विरुद्ध न्यायालय में याचिका दायर कर सकता हैं। इस याचिका को कोई भी व्यक्ति दायर कर सकता हैं जो सामजिक हितो की रक्षा करना चाहता हैं। यह याचिका, केंद्र सरकार, राज्य सरकार, किसी भी सरकारी विभाग या नगर पालिका परिषद के विरुद्ध दायर की जा सकती हैं। इस प्रकार की वाचिका समकालीन भारतीय कानून व्यवस्था का एक महत्वपूर्ण अंग है, शुरुवात में भारतीय कानून व्यवस्था में इसे स्थान प्राप्त नहीं था।

ज्ञानग्रंथ का WhatsApp Channel ज्वाइन करिये!

FAQs

भारत में जनहित याचिका की शुरुआत कब हुई?

भारत में जनहित याचिका की शुरुआत 1986 में हुई थी।

कुछ और महत्वपूर्ण लेख –

0Shares

Leave a Comment