चाणक्य अपनी चतुरता और बुद्धिमत्ता के कारण प्रसिद्ध है, वे बहुत ही बुद्धिमान थे और हर समस्या का समाधान रखते थे। वे हमेशा ही बहुत सटीक नीतियों का इस्तेमाल किया करते थे जो कि आज भी कई क्षेत्रों में आपको सफलता दिला सकती है और आपका ज्ञानवर्धन करने में भी सहायक है। परन्तु यदि चाणक्य इतने ही बुद्धिमान और चतुर थे तो वे राजा क्यों नही बने? यह एक महत्वपूर्ण प्रश्न है कि चाणक्य राजा क्यों नहीं बना? चलिए आज हम बताते हैं आपको इसके पीछे का कारण।
चाणक्य राजा क्यों नहीं बना?
चाणक्य मानते थे कि यदि वे राजा बनते हैं तो उनमे लालच और कपट आने की सम्भावना है। इसीलिए वे अपने जीवन में कभी राजा बनना नहीं चाहते थे। उनका मुख्य उद्देश्य अपने पिता की हत्या का बदला लेना था। उनके पिता की हत्या धनानंद के द्वारा की गयी थी। चाणक्य मानते थे कि चन्द्रगुप्त मौर्य चतुर और कुशल नेतृत्वकर्ता है इसलिए चाणक्य ने उन्हें राजा के रूप में चुना था। चाणक्य खुद को एक अच्छा मार्गदर्शक मानते थे ना कि राजा! वे केवल राष्ट्र की सेवा करना चाहते थे।
FAQs
चाणक्य एक हिन्दू ब्राह्मण थे। जैन दंतकथाओं में उन्हें जैन परिवार का भी बताया गया है। जबकि बुद्धिस्ट, कश्मीरी और मुद्राराक्षस कथाओं के अनुसार वे ब्राह्मण बताये गए हैं। Source
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