छिपकलियों के शरीर पर बैक्टीरिया पनपते हैं। कभी-कभी इसी कारण फ़ूड पॉइजनिंग का खतरा भी बढ़ जाता है। यह जीव किसी को नुकसान नहीं पहुंचाता। इसके चेहरे भावहीन होते हैं। इनके चेहरे देख कर यह कोई नहीं बता सकता कि वे खुश हैं या दुखी। इनसे लोग आशंकित रहते हैं। छिपकलियां सरीसृपों में आती है। इन पर बाल नहीं होते है। इनके कान मनुष्यों की तरह बाहर नहीं होते है। यह जीव ठंडे खून के होते हैं। आज हम जानेंगे कि छिपकली में जहर होता है या नहीं?
छिपकली में जहर होता है या नहीं?
छिपकली में जहर नहीं होता परंतु उसकी त्वचा में जहर होता है। अगर यह किसी खाने-पीने वाली चीज में गीर जाये और आग पर पक जाए तो उस पके हुए खाद्य पदार्थ में जहर घुल सकता है। छिपकली के काटने पर जहर नहीं फैलता परन्तु टिटनेस का खतरा होता है। छिपकली यदि काटले तो जख्म के स्थान को साबुन लगाकर करीब 10 मिनट तक धोना चाहिए। छिपकली के काटने पर टिटनेस का टीका अवश्य लगवाना चाहिए।
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