प्रश्न – चोल कालीन स्थापत्य कला के दो उदाहरण दीजिए?
चोल कालीन स्थापत्य कला के दो उदाहरण दीजिए
चोल कालीन स्थापत्य कला के दो उदाहरण
- कोरंगनाथ का मन्दिर
- तंजौर का वृहदीश्वर मन्दिर
स्थापत्य कला ने चोलों के समय में काफी विकास किया था। चोल के राजाओं ने बड़े बड़े सुंदर मंदिरों का निर्माण करवाया था। शिलाओ से बने ये मंदिर आज भी पाए जाते हैं। सबसे प्रसिद्ध कोरंगनाथ मंदिर, राजराजेश्वर मंदिर और तंजौर का मन्दिर है। ऊँचे ऊँचे शिखरों वाले ये मंदिर शंकु के आकार के दिखाई पड़ते हैं।
कोरंगनाथ का मन्दिर
तिरुचिरापल्ली से लगभग 50 किलोमीटर दूर स्थित यह मन्दिर श्रीनिवासनल्लूर शहर में है। इस मन्दिर का आकार अन्य की तुलना में छोटा है जिसमे बरामदा, गर्भगृह आदि हैं। भगवान विष्णु को रंगनाथ के रूप में समर्पित यह मंदिर चोल कालीन स्थापत्य कला का एक अच्छा उदाहरण है।
वृहदीश्वर मन्दिर
तमिलनाडु के तंजावुर में स्थित यह मन्दिर भगवान शिव को समर्पित मंदिर है। राजा राज चोल-I ने इस मंदिर का निर्माण करवाया था। इसका निर्माण 1010 AD के आस पास का माना जाता है। ग्रेनाइट से बना यह मंदिर बहुत ही सुंदर है इस मंदिर को यूनेस्को ने विश्व धरोहर घोषित किया हुआ है।
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