एकादशी व्रत करने से माता लक्ष्मी तथा भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और आपकी मनोकामनाएँ पूर्ण करते है। इसीलिए यह व्रत हर व्रत से श्रेष्ठ माना गया है। हिन्दू कालान्तर के अनुसार हर माह में दो एकादशी आती है। इस दिन उपवास करने की प्रथा है तथा माना जाता है कि इस व्रत को करने से सारे दुःख, समस्याएँ नष्ट हो जाती है। मित्रों आज के लेख में आपको यह पढ़ने के लिए मिलेगा कि एकादशी व्रत किसको करना चाहिए? तथा यह एकादशी व्रत कौन-कौन कर सकता है?
एकादशी व्रत किसको करना चाहिए?
एकादशी के दिन कई तरह के धार्मिक कार्य किये जाते हैं हवन, यज्ञ, वैदिक कर्मकांड आदि। एकादशी के दिन व्रत करने से उपासक को कई तरह एक लाभ होते हैं जैसे – वह निरोगी रहता हैं, आर्थिक समस्याओं से बचा रहता है, पापो का नाश होता है आदि।
एकादशी का व्रत हर कोई कर सकता है, यानिकी पुरुष, महिला, बच्चे, बुजुर्ग सभी यह व्रत कर सकते हैं। इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करना होता है, निषेध वस्तुओं का सेवन करना वर्जित होता है. फलों का सेवन कर सकते हैं तथा दान धर्म करने से यह उपवस आसानी से सफल होता है। एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठ कर स्नान करने के बाद मंदिर जाना चाहिए, तथा भगवान को भोग लगाने के बाद ही अन्न ग्रहण करना चाहिए।
FAQs
एकादशी के व्रत में आप चाय, दूध पी सकते हैं।
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