संस्कृत में बहुत से ऐसे वाक्य है जो अत्यधिक सुनने में आते रहते हैं पर इनका इनका अर्थ कई लोगों को पता नहीं होता है और लोग इनका अर्थ जानने के लिए इन्टरनेट का उपयोग करते हैं तथा इसी कारण कई बार गलत जानकारी उनके हाथ लग जाती हैं, इसी बात का ध्यान रखते हुए हम आपके लिए सही और सटीक जानकारी एकत्रित करते हैं, जैसे की आज आप जानेंगे कि एको अहं द्वितीयो नास्ति न भूतो न भविष्यति का अर्थ क्या होता है?
एको अहं द्वितीयो नास्ति न भूतो न भविष्यति का अर्थ
“एको अहं द्वितीयो नास्ति न भूतो न भविष्यति” इस वाक्य का अर्थ है कि मै एक ही हूँ, कोई द्वितीय (दूसरा) नहीं है, और न तो मैं कभी था और न कभी भविष्य में होगा। यह एक आध्यात्मिक तत्त्व पर आधारित ब्रह्मा-वाक्य है जिसका अर्थ है कि आत्मा एक अद्वितीय, अच्छेद्य और अविनाशी है।
या फिर यहा परमेशवर की बात कही जा रही है वह एक मात्र ही है और उनके समान कोई दुसरा नही है न भूतकाल में कोई था और नही कोई भविष्य में होगा
इस वाक्य को यदि किसी व्यक्ति के द्वारा स्वयं को संदर्भित किया जाए तो भी यह उपयोग किया जा सकता है जैसे कोई व्यक्ति कहता है कि एको अहं द्वितीयो नास्ति न भूतो न भविष्यति तो वह यह कह रहा है कि उसके समान कोई नही है और नही भविष्य में होगा।
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