प्रश्न – ग्रामीण अर्थव्यवस्था में कृषि की भूमिका पर प्रकाश डालिए
ग्रामीण अर्थव्यवस्था में कृषि की भूमिका पर प्रकाश डालिए
गावों की आय का मुख्य स्त्रोत कृषि ही है आज भी कृषि राष्ट्रीय आय का एक प्रधान स्रोत है। ग्रामीण क्षेत्र में रह रहें लोग अधिकतर कृषि ही करते हैं बाकि लोग व्यापार, मजदूरी, सरकारी नोकरी, या छोटे मोटे काम कर अपना गुजारा करते हैं। इसीलिए ग्रामीण अर्थव्यवस्था में कृषि की भूमिका है, कृषि के अंतर्गत अनाज तथा कच्चे माल का उत्पादन करना आता है कच्चे माल से सम्बन्धित खेती में सूती वस्त्र उद्योग, जूट उद्योग, चीनी उद्योग, चाय उद्योग, सिगरेट उद्योग और तम्बाकू उद्योग, आदि के लिए आवश्यक खाद्यान्न उपलब्ध करना होता है। बाकि किसान अनाज की खेती के साथ साथ पशुपालन करते हैं जिंसमे वह मुख्यरूप से दुग्ध उत्पादन के लिए गाय, भेस, बकरी का पालन करते है तथा अन्य आय के लिए मुर्गी पालन, मछली पालन , मधुक्खी पालन भी करते हैं। देश की आधे से भी अधिक आबादी प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से जीविका के लिए कृषि पर निर्भर है । इतने बड़े देश में रह रहे लोगो के खाने की पूर्ति करने के लिए कृषि क्षेत्र को मजबूत रहने की जरूरत है इसीलिए सरकार भी किसानो के लिए अनेक प्रकार की योजनाए प्रारम्भ करती रहती है ताकि कृषि के क्षेत्र में काम कर रहे लोग आर्थिक रूप से कमजोर न हो और कृषि के क्षेत्र से पलायन न करें।
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