हम चाहे या न चाहे हमारी जिंदगी में बुरा वक्त आ ही जाता है। हर बुरे वक्त से लड़ने की एक गई संजीवनी है की हम हमेशा पॉजिटिव रहे। आज हम जानेंगे की हमेशा पॉजिटिव कैसे रहे?
हमेशा पॉजिटिव कैसे रहे ?
नींद पूरी करें :
आलस दूर करना पॉजिटिव होने का एक बहुत महत्वपूर्ण बिंदु है। मनुष्य के लिए 6 से 8 घंटे की नींद बेहत सेहतमंद मानी जाती है। अगर आप अपने शरीर को पूर्ण रूप से आराम देंगे तो आपके शरीर में ऊर्जा बनी रहेगी। ऊर्जा बनने के कारण आपका मस्तिष्क और अच्छे से काम करेगा तथा इसके अलावा उसमे पाजिटिविटी बनी रहेगी।
योग और ध्यान करें :
पॉजिटिव रहने के लिए व्यक्ति का तनावमुक्त रहना बहुत आवश्यक होता है और तनावमुक्त जीवन जीने के लिए उसे योग और ध्यान करना चाहिए। योग और ध्यान करने से शरीर और मस्तिष्क दोनों ही तनावमुक्त रहते है। तनावमुक्त होने के साथ ही साथ व्यक्ति का मस्तिष्क पॉजिटिव भी रहता है।
नकारात्मक लोगों से दूरी बनाये :
इस दुनिया में कई प्रकार के लोग मौजूद है जिनमे से कुछ सकारात्मक सोच रखते हैं तो कुछ नकारात्मक सोच रखते है। सकारात्मक लोग खुद तो पॉजिटिव सोचते ही हैं परन्तु वे दुसरो को भी सकारात्मक सोच की ओर ढकेलते हैं। नकारात्मक लोग खुद भी नेगेटिव सोचते हैं तथा दुसरो को भी नकारात्मक सोच की और ढकेल देते हैं इसलिए नकारात्मक लोगो से दूर रहना भी एक पॉजिटिव इंसान की पहचान है। अतः नकारात्मक लोगो से दूर रहना चाहिए।
कृतज्ञ बने :
कृतज्ञ होना भी एक पॉजिटिव इंसान की पहचान है। इस धरती ने हमे रहने और अनाज उगाने के लिए जमीन दी, माँ-बाप दिए और भी जाने क्या-क्या दिया है जिसका हम वर्णन तक नहीं कर सकते। इतना सब देने के बाद भी हम कभी कृतज्ञ नहीं बनते। हमे हर चीज के लिए शुक्रगुजार होना चाहिए क्योकि कुछ लोग ऐसे भी है जिन्हे यह सब नसीब में नहीं मिलता है तथा हमे सबके प्रति कृतज्ञ होना चाहिए।
नेकी करें :
कभी-कभी मनुष्य लाख कोशिशों के बाद भी अपनी मंजिल तक नहीं पहुंच पाता और निराश हो जाता है। ऐसी निराशा को दूर करने के लिए उसे सदा नेकी करना चाहिए। नेकी करने के लिए वो चाहे तो दुसरो की मदद कर सकता है, दान दे सकता है, गरीबों की मदद क्र सकता है। यह सब करने से जो मनुष्य के अंदर ख़ुशी की प्राप्ति होगी उससे वह पॉजिटिव सोचना शुरू करेगा और हमेशा पॉजिटिव रहेगा।
छोटों से सीखें :
जब भी आप किसी कारण निराश हो या आपसे बराबर और आप से बड़े लोगो को देख कर यह निराशा उतपन्न करले की वह कितनी ज़्यादा उन्नति कर रहा है और आप लाख कोशिशों के बाद भी वही हैं जहा पहले थे तब आप आपसे छोटे लोगों को देखे। छोटे लोगो से तात्पर्य है की आप सड़क पर सब्जी बेचने वाला व्यक्ति, भीख मांगने वाला भिखारी, मजदूरी कर अपने परिवार का पेट पालने वाला मजदूर, धूप में कड़ी मेहनत करने वाला किसान आदि को देखे। इससे आप में एक सकरात्मक सोच का विकास होगा और आप पॉजिटिव महसूस करने लगेंगे।
सादा जीवन- उच्च विचार :
जो मनुष्य अपने जीवन को सादे प्रकार से जीता है वह हमेशा पॉजिटिव महसूस करता है। इस सिद्धांत को “सादा जीवन- उच्च विचार” भी कहा जाता है।
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