कविताएँ हमेशा से ही लोगो को प्रेरित करती आई है और उनमे उत्साह का भाव उत्पन्न करती है, ऐसी ही एक कविता है “हम होंगे कामयाब कविता” जो बच्चो से ले कर बड़ो तक में ऊर्जा भर देती है और उन्हें यह भरोसा दिलाती है की एक दिन जरुर कामयाब होंगे। हो सकता है आपने भी यह कविता कई बार सुनी होगी पर यदि आपको यह कविता नही याद है तो आपको आगे इस लेख में हम होंगे कामयाब कविता हिंदी में मिल जाएगी।
यह कविता गिरिजा कुमार माथुर द्वारा लिखी गयी है, गिरिजा कुमार माथुर जी एक प्रसिद्ध साहित्यकार है जिनका जन्म 22 अगस्त 1919 को हुआ था तथा यह मध्यप्रदेश के ग्वालियर में जन्मे थे। इनका शुरुवाती पेशा वकालत थी पर आगे चल कर यह कवि बन गये और कई रचनाएँ भी कि थी।
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लेखक | गिरिजा कुमार माथुर |
लेखक का जन्म | 22 अगस्त 1919 |
लेखक का राष्ट्रीयता | भारतीय |
लेखक कि मृत्यु | 10 जनवरी 1994 |
गिरिजाकुमार माथुर कि प्रमुख रचना | धूप के धन |
हम होंगे कामयाब कविता हिंदी में
हम होंगे कामयाब, हम होंगे कामयाब
हम होंगे कामयाब एक दिन
ओ हो मन में है विश्वास, पूरा है विश्वास,
हम होंगे कामयाब एक दिन॥
हम चलेंगे साथ-साथ, डाल हाथों में हाथ
हम चलेंगे साथ-साथ एक दिन
ओ हो, मन में है विश्वास, पूरा है विश्वास
हम चलेंगे साथ-साथ एक दिन॥
होगी शांति चारों ओर, होगी शांति चारों ओर
होगी शांति चारों ओर एक दिन
मन में है विश्वास, पूरा है विश्वास
होगी शांति चारों ओर एक दिन॥
नहीं डर किसी का आज, नहीं डर किसी का आज
नहीं डर किसी का आज के दिन
ओ हो, मन में है विश्वास, पूरा है विश्वास
नहीं डर किसी का आज के दिन॥
ओ हो मन में है विश्वास, पूरा है विश्वास,
हम होंगे कामयाब एक दिन॥
FAQs
धूप के धन के रचियता गिरिजाकुमार माथुर है।
गिरिजाकुमार माथुर का जन्म 22 अगस्त 1919 को हुआ था।
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