कल्पना किसे कहते हैं एक कवि के लिए कल्पना का क्या महत्व है?

कल्पना किसे कहते हैं एक कवि के लिए कल्पना का क्या महत्व है?

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By Shubham Jadhav

आज हम बात करने वाले कल्पना किसे कहते हैं एक कवि के लिए कल्पना का क्या महत्व है? जो व्यक्ति कल्पना को आधार बना कर अपनी परियोजना को पूर्ण करने के प्रयास करता है उसे एक अलग राह मिलती है तथा उसके लिए वास्तविकता कुछ महत्व नहीं रखती है। इस सन्दर्भ ये कवियों की बात की जाएँ तो कवि अपना रचना को और भी मनोरक बनाने के लिए कल्पना की ही सहायता लेते है।

कल्पना किसे कहते हैं?

कल्पना वह शक्ति है जो बेरंग स्थिति को भी रंगीन कर देती है। कल्पना के माध्यम से ही सरल चीजों को विशेष बनाया जा सकता है। यदि को कल्पना का सबसे ज्यादा उपयोग करता है तो वह होता है एक कवि जो अपनी कल्पना से उसकी रचना को लोकप्रिय कर सकता है। कल्पना से ही रस और माधुर्य उत्पन्न किया जा सकता है क्योकि वास्तविकता इतनी सुंदर नहीं हो सकती हैं।

कल्पना यानिकी एक तरह का स्वप्न जो वास्तविक सत्यों से काफी अलग हो सकता है या फिर मेल भी खा सकता हैं पर किसी सत्य घटना पर आधारित नहीं होता है। कहानियाँ काल्पनिक हो सकती है पर ऐसा भी सम्भव है कि की गयी गयी कल्पना वास्तविकता बन जाएँ इसीलिए इसे स्वप्न के रूप में ही देखा जा सकता है।

एक साधारण व्यक्ति के कल्पना का केवल इतना महत्व हो सकता है कि वह अपने अधूरे अपनों को पूर्ण होता देखे या फिर अपने जीवन के प्रति सकारात्मक या नकारात्मक कल्पनाएँ गड़ने लगे, पर एक कवि के लिए कल्पना इन सब से कही जाता है होती है और उसकी रचनाओं को एक स्थान प्रदान करती है तथा उसे आधार देने का काम करती है।

कवि के लिए कल्पना का क्या महत्व है?

कल्पना से ही किसी भी रचना में रस को उत्पन्न किया जा सकता है, जब किसी कवि के द्वारा कुछ कल्पना की जाती है तो वह उसकी रचना को और भी आकर्षक और पाठकों के लिए मनोरंजक बना सकती है, कल्पना किसी भी परिस्थिति को लेकर की जा सकती है जैसे प्रेम, परिवार, विवाद, देश विदेश, यात्रा आदि। यदि कहानी और कविता में कल्पना न हो तो उसमे किसी की रुचि नहीं होगी क्योकि वास्तविकता इतनी मनभावन नहीं हो सकती है।

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