इस लेख में आप जानेंगे कि कामाख्या मंदिर कब जाना चाहिए? तथा कामाख्या मंदिर से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियाँ भी आपको पढ़ने के लिए मिल जाएंगी।
कामाख्या मंदिर कब जाना चाहिए?
कामाख्या मंदिर जाने का सबसे उचित समय अक्टूबर से मार्च माह का माना गया हैं, इस दौरान आप मंदिर के अलावा अन्य कई सुंदर पर्यटन स्थलों का भी आनंद ले सकते हैं। इस दौरान मौसम भी काफी अच्छा होता है।
कामाख्या देवी मंदिर कहां है?
असम राज्य के नीलांचल पर्वत पर स्थित कामाख्या देवी मंदिर अत्यधिक प्रसिद्ध मंदिर है। यह 52 शक्तिपीठ मेसे एक है, इन शक्तिपीठो का निर्माण माता सति के अंगो के गिरने के कारण हुआ था और देवी सति की योनी इस जगह पर आ कर गिरी थी जिसके फलस्वरूप कामाख्या देवी मंदिर का निर्माण हुआ था।
माता कामाख्या मंदिर का इतिहास
पौराणिक कथाओ के अनुसार माता सति ने भगवान शंकर से विवाह किया था परन्तु इस विवाह से माता सति के पिताजी अत्यधिक क्रोधित थे तथा इस विवाह के विरुद्ध थे। इनका नाम दक्ष था जिन्हें हिमायल के राजा के रूप में भी जाना जाता था। दक्ष ने एक बार यज्ञ का आयोजन किया था और इस यज्ञ में माता सति तथा शंकर भगवान को आमंत्रित नहीं किया गया था। परन्तु माता सति बिना आमन्त्रण के भी उस यज्ञ में जा पहुची जहाँ उन्हें अपने पिता द्वारा किये गये शंकर भगवान के अपमान को झेलना पढ़ा, वह यह अपमान बर्दास्त नहीं कर सकी और यज्ञ में कूद कर अपने प्राण त्याग दिए। जिसके बाद शंकर भगवान को इस घटना का पता चला तो वह क्रोधित हो गये तथा माता सति की देह को अपने हाथो में उठा कर तांडव नृत्य करने लगे। यह देख भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से माता सति की देह के कई टुकड़े कर दिए ताकि भगवान शंकर का गुस्सा शांत किया जा सके। माता सति के यह अंग धरती पर अलग-अलग जगह पर गीरे थे।
कामाख्या मंदिर से जुड़ी खास बातें
- कामाख्या देवी का मंदिर वह मन्दिर है जहाँ माता की योनि स्वरूप में पूजा की जाती है।
- हर वर्ष 22 से 26 जून तक कामाख्या देवी मंदिर के मंदिर के कपाट 3 दिनों के लिए बंद रहते है। क्योकि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस समय मां कामाख्या रजस्वला (मासिक धर्म) में रहती हैं।
- इस समय ब्रह्मपुत्र नदी का जल भी लाल हो जाता है। माना जाता है कि इस समय मां कामाख्या रजस्वला होने के कारण नदी का पानी तीन दिन के लिए लाल हो जाता है।
FAQs
जिन्हें संतान प्राप्ति में समस्या आ रही है उन्हें कामाख्या देवी मंदिर में जाना चाहिए।
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