खेलों में अनुशासन की क्या भूमिका है?

खेलों में अनुशासन की क्या भूमिका है?

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By Shubham Jadhav

खेल में अनुशासन का बड़ा महत्व होता है, बिना अनुशासन के खेल को खेल नही समझा जा सकता है। क्या आप जानते है कि खेलों में अनुशासन की क्या भूमिका है?

खेलों में अनुशासन की क्या भूमिका है?

स्वस्थ रहने के लिए शारीरिक गतिविधियों का होना बहुत जरुरी है, और खेलकूद से आपके शरीर की अच्छी खासी मेहनत हो जाती है, इसीलिए खेल के द्वारा शरीर को स्वस्थ रखा जा सकता है। इसके अलावा खेल से व्यक्ति के चरित्र का भी निर्माण होता है और सामजिक भावनाएं पैदा होती है। हर किसी के लिए खेल में अनुशासन का होना जरुरी है क्योकि अनुशासन से ही खेल के मूल्यों में वृद्धि होती है, अनुशासनहीन खेल को कोई महत्व नही देता है और इस खेल में जो अनुशासन हीनता कर जीत हासिल करता है उसकी जीत का भी कोई महत्व नही होता है। अगर खेल को अनुशासन के साथ खेला जाए तो ही आप प्रसिद्धि पा सकते हैं। जो नियमो का पालन करता है वही एक श्रेष्ठ खिलाडी बन कर उभरता है, अनुशासन के द्वारा ही आप खेल को अच्छे से खेल सकते हैं तथा एक विश्वास स्थापित कर सकते हैं, जो खिलाडी बेईमानी से खेल जीतने की कोशिश करते हैं उन्हें बहुत सी समस्याओ का सामना करना पड़ता है यहा तक की उसे खेल से बाहर भी किया जा सकता है जिससे की उसके छवि पुरे जीवन भर के लिए खराब हो जाती हैं।

किसी भी प्रकार की प्रतियोगीता में सबसे पहले नियमो को निर्मित किया जाता है ताकि खेल को अच्छे से खेला जा सके। आप अनुशासन और ईमानदारी के साथ ही अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं। अनुशासन के द्वारा खेल में ध्यान लगाने में मदद मिलती है तथा परिस्थिति के अनुसार निर्णय लेने में मदद मिलती है। अनुशासन के द्वारा ही प्रतियोगी को अपने खेल को सुधारने तथा लक्ष्यों को प्राप्त करने में आसानी होती है।

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