आज का हमारा यह लेख “खुद भगवान ने बताया था इस मंत्र के बारे में तुलसी के सामने बोले 24 घंटे के अंदर मनोकामना पूरी” आपके लिए बहुत ही लाभकारी सिद्ध हो सकता है इसके लिए इसे अंत तक जरुर पढ़ें।
सनातन धर्म में तुलसी के पौधे का बड़ा महत्व है इसे देवी के रूप में पूजा जाता है। हर हिन्दू अपने घर में एक तुलसी का पौधा लगाता है तथा उसकी प्रतिदिन पूजा करता है और मनोकामनाएँ मांगता है। घर की महिलाएं इस तुलसी के पौधे को जल अर्पित कर इसके पास दीपक लगाती हैं। तुलसी के पौधे की पूजा करने से देव प्रसन्न होते हैं और आपकी सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती है और आपके सारे कष्ट भी हर लिए जाते हैं और आने आप आने वाली हर समस्या से बचे रहते हैं।
हिन्दू धर्म में पेड़ पौधो का बड़ा महत्व है तथा हम पीपल आदि कई पेड़ पौधो की पूजा भी करते हैं तथा उन्हें भगवान का रूप माना जाता है या उनमे भगवान का वास माना गया है। हिन्दू धर्म में प्रकृति की हर चीज को पूजा जाता है तथा सम्मान दिया जाता है, जैसे की नदी, पहाड़, पेड़- पौधे, जीव-जन्तु आदि। तुलसी लगाने के कई नियम होते हैं जिनका ख्याल रखना बेहद जरुरी है आगे आप कुछ महत्वपूर्ण नियमो को जानने वाले हैं।
घर में सुख और समृद्धि के लिए कर तुलसी की पूजा की जाती है और उन्हें जल अर्पित करना कभी नहीं भूलना चाहिए वरना वह नाराज़ हो सकती है आप पर से उनकी दृष्टि हट सकती है। पौधे को हमेशा ग्ल्मे में ही लगाना चाहिए तथा जमीन से थोड़ा ऊपर की तरफ रखना चाहिए।
वास्तु शास्त्र के अनुसार तुलसी के पौधे को सीधे जमीन के अंदर कभी लगाना नहीं चाहिए। इस पौधे को सदा गमले में लगाना चाहिए ताकि उसकी अच्छी तरह से देखभाल की जा सके और उसकी पूजा करने में हमें आसानी हो।
खुद भगवान ने बताया था इस मंत्र के बारे में तुलसी के सामने बोले 24 घंटे के अंदर मनोकामना पूरी
तुलसी श्रीर्महालक्ष्मीर्विद्याविद्या यशस्विनी।
धर्म्या धर्मानना देवी देवीदेवमन: प्रिया।।
लभते सुतरां भक्तिमन्ते विष्णुपदं लभेत्।
तुलसी भूर्महालक्ष्मी: पद्मिनी श्रीर्हरप्रिया।।
श्लोक का हिंदी अर्थ
तुलसी भाग्य की देवी हो, भाग्य की महान देवी, ज्ञान की देवी हो।
वह धर्मात्मा और धर्ममय मुख वाली है तथा देवी-देवताओं के मन को प्रिय है
जो सर्वोच्च भक्ति करता है और अंत में विष्णु का लोक प्राप्त करता है।
तुलसी भूर्महालक्ष्मी पद्मिनी श्री हरप्रिया है।
FAQs
तुलसी का पौधा दक्षिण, पश्चिम, दक्षिण-पश्चिम, दक्षिण-पूर्व या उत्तर-पश्चिम दिशा में नहीं लगाना चाहिए।
प्रतिदिन प्रातः काल स्नान करके तुलसी के पौधे की पूजा करनी चाहिए।
तुलसी के साथ शमी का पौधा लगाना शुभ माना गया है।
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