इस पोस्ट में हम क्रिया के कितने भेद होते हैं (Kriya ke kitne bhed hote hain) इस विषय पर जानकारी देने वाले है। यह प्रश्न परीक्षा में पूछा जाने वाला एक महत्वपूर्ण प्रश्न है। साथ ही हम इस विषय पर भी चर्चा करेंगे की क्रिया किसे कहते है?
क्रिया किसे कहते हैं?
क्रिया के भेद के बारे में जानने से पहले आप यह जान लेंगे की क्रिया किसे कहते है तो आपको क्रिया के भेद अच्छे से समझ आएँगे। किसी काम को किये जाने या किसी के द्वारा दर्शाए जाने वाले वे शब्द जो ‘ना’ ‘ता’ ‘का’ आदि पर ख़त्म होते है अधिकांश वे क्रिया कहलाते है। जैसे – बेठना, चलना, खाना, रोना, भागना सोता, दोड़ता आदि।
परिभाषा
वाक्य में जिस शब्द से किसी कार्य का बोध हो उसे क्रिया कहते हैं।
क्रिया के उदाहरण के लिए –
- मोहन मुंबई जाने वाला है।
- राम सो रहा है।
- राधा गा रही है।
- आकाश खा चुका है।
क्रिया के कितने भेद होते हैं (Kriya ke kitne bhed hote hain)
कर्म के आधार पर क्रिया दो प्रकार की होती है।
- सकर्मक
- अकर्मक
सकर्मक
सकर्मक शब्द दो शब्दों से मिल कर बनते है यानिकी इनके साथ कर्म जुड़ा हुआ होता है। उस क्रिया को सकर्मक क्रिया कहते है जिसमे क्रिया के साथ कर्म भी होता है।
सकर्मक के भी दो प्रकार होते है – (1) एककर्मक (2) द्विकर्मक
एककर्मक
जिस जगह क्रिया के साथ एक ही कर्म होता है वहा एककर्मक होता है।
द्विकर्मक
यहा क्रिया के साथ दो कर्म उपस्थित होते है वह द्विकर्मक कहलाता है। जेसे – शिक्षक बच्चो को गणित पढ़ा रहे है। यहा दो कर्म है पहला बच्चे दूसरा गणित।
सकर्मक के उदाहरण
- रमेश केला खा रहा है।
- बच्चे साइकिल चला रहे है।
- विनोद कपडे धो रहा है।
- बच्चे फूटबाल खेल रहे है।
- राहुल एक किताब लिख रहा है।
अकर्मक
अकर्मक में कार्य के साथ कर्म उपस्थित नही होता है यहा केवल क्रिया का ही बोध होता है।
अकर्मक के उदाहरण
- गौरव खाता है।
- विधि रो रही है।
- बच्चे रोते है।
- राम सोता है।
निष्कर्ष
आशा करता हु आप इस पोस्ट को पढने के बाद आसानी से समझ गए होंगे की क्रिया क्या होती है एवं क्रिया के कितने भेद होते हैं (Kriya ke kitne bhed hote hain) तो इसे उन लोगो के साथ जरुर शेयर करे जिन्हें इस प्रकार के प्रश्नों के उत्तर जानने की आवश्यकता है।
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