देश को अंग्रेजो की गुलामी से आज़ाद कराने के लिए हमारे देश के कई महापुरुष शहीद हो गये थे, इस आज़ादी की लड़ाई में कई माताओ ने अपने लाल खोये हैं। सेकड़ो आंदोलनों और खून खराबे के बाद हमें यह आजाद देश भारत पुनः मिला है। हम हमेशा इन महापुरुषो के ऋणी रहेंगे। इन सभी महापुरुषो के बिच एक महान पुरुष थे गाँधी जी जो हिंसा का हमेशा विरोध करते थे जिस कारण उनके कई लोगो से मनभेद हुआ करते थे पर उन्होंने कभी अहिंसा का रास्ता नही छोड़ा और देश के नागरिको के लिए कई आन्दोलन भी किये। आगे इस लेख में महात्मा गांधी के आंदोलन list दी गयी है। (Mahatma Gandhi Movements List)
महात्मा गांधी के आंदोलन list
- चम्पारण सत्याग्रह – 1917
- खेड़ा सत्याग्रह – 1918
- अहमदाबाद मिल मजदूर आंदोलन – 1918
- खिलाफत आन्दोलन – 1920
- असहयोग आंदोलन – 1920
- नमक आंदोलन (सविनय अवज्ञा आंदोलन) – 1930
- भारत छोड़ो आंदोलन – 1942
चम्पारण सत्याग्रह
यह गाँधी जी का भारत का पहला आन्दोलन था जो उन्होंने किसानो के हक के लिए किया था। यह आन्दोलन 1917 में हुआ था। इस सत्याग्रह ने गाँधी जी का योगदान देख उन्हें महात्मा गाँधी की उपाधि प्राप्त हुई थी।
खेड़ा सत्याग्रह
गुजरात के खेड़ा जिले से प्रारम्भ हुए इस आन्दोलन का कारण यह था कि 1918 में किसानो की फसल मौसम की वजह से पूर्ण रूप से खत्म हो चुकी थी और फिर भी अंग्रेज़ उनसे उच्च कर वसूल रहे थे। गाँधी जी का कहना था कि उन्हें कर में छुट मिलना चाहिए।
अहमदाबाद मिल मजदूर आंदोलन
1918 में हुए इस आन्दोलन को अहमदाबाद मिल हड़ताल के नाम से जाना जाता है। इसका नेतृत्व गाँधी जी ही कर रहे थे। प्लेग की बीमारी फैलने के कारण वहा के मजदूरो को प्लेग बोनस दिया जाता था जिसे अंग्रेजो द्वारा बंद कर दिया गया था इसी के विरोध में यह आन्दोलन हुआ था।
खिलाफत आन्दोलन
यह आंदोलन सन् 1919 में लखनऊ से प्रारम्भ हुआ था, बड़े पत्रकार अबुलकलाम आज़ाद, ज़फ़र अली ख़ाँ तथा मोहम्मद अली ने इस आन्दोलन को हवा दी, यह मुसलमानों के द्वारा ब्रिटिशो के खिलाफ आन्दोलन था जिसमे गाँधी जी भी उनके साथ थे। इस आन्दोलन का कारण था कि ब्रिटेन, तुर्की के खिलाफ इतालवी तथा बाल्कन युद्ध में लड़ रहा था।
असहयोग आंदोलन
असहयोग आंदोलन में गाँधी जी का कहना था कि उनके द्वारा किसी भी विदेशी वस्तु का उपयोग नही किया जाएगा, भारत के नागरिक किसी भी चुनाव में सहयोग नही करेंगे आदि। पर इस आन्दोलन ने हिंसक रूप ले लिया था जनता ने पुलिस स्टेशन में आग तक लगा दी थी, जिसके बाद इस आन्दोलन को गाँधी जी के द्वार बंद कर दिया गया था। गांधी के आंदोलन काफी प्रभावी होते थे तथा देश के लोगों की देश के प्रति प्रेम भावना बढ़ती थी।
नमक आंदोलन
दांडी यात्रा, नमक सत्याग्रह, नमक आंदोलन के नाम से जाने जाने वाले इस आन्दोलन का कारण था कि अंग्रेज़ उच्च दाम पर नमक बेचा करते थे जिस कारण गरीब जनता उसे खरीद नही पाती थी।
भारत छोड़ो आंदोलन
8 अगस्त 1942 को शुरु हुए इस आन्दोलन का लक्ष्य था भारत की आज़ादी । यह आंदोलन महात्मा गांधी द्वारा अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के मुम्बई अधिवेशन में प्रारम्भ किया गया था। इस समय द्वितीय विश्व युद्ध चल रहा था जिस कारण अंग्रेजो की कमर टूट चुकी थी और नेताओ ने देश को आज़ाद कराने की ठान ली थी।
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