मैथिलीशरण गुप्त हिंदी भाषा के प्रमुख कवि हैं। इनके द्वारा रचित भारत-भारती (1912) ने स्वतंत्रता संग्राम में देश की जनता का काफी उत्साह बढ़ाया इसी वजह से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने उन्हें ‘राष्ट्रकवि’ की उपाधि भी दी थी। भारत सरकार द्वारा सन 1954 में गुप्त जी को पद्मभूषण पुरस्कार दिया गया था एवं इनके जन्मदिन 3 अगस्त को ‘कवि दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। आज हम जानेंगे मैथिलीशरण गुप्त किस युग के कवि हैं – Maithilisharan Gupt Kis Yug Ke Kavi Hain? व इनका संक्षिप्त परिचय।
मैथिलीशरण गुप्त किस युग के कवि हैं?
मैथिलीशरण गुप्त आधुनिक काल के द्विवेदी युग के प्रमुख कवि हैं।
मैथिलीशरण गुप्त का प्रारंभिक जीवन
गुप्त जी का जन्म 3 अगस्त 1886 को उत्तर प्रदेश में झांसी के पास चिरगांव में हुआ था। वे अपने पिता सेठ रामचरण कनकने और माता काशी बाई की तीसरी संतान थे। बचपन में खेलकूद में अधिक रूचि होने के कारण उनकी स्कूली शिक्षा अधूरी रह गयी। हिन्दी, बंगला, संस्कृत साहित्य का अध्ययन उन्होंने घर पर ही किया। मुंशी अजमेरी जी के मार्गदर्शन में उन्होंने 12 वर्ष की आयु में ब्रजभाषा में अपनी पहली कविता कनकलता लिखी। आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी से मिलने के बाद उन्होंने खड़ी बोली में कवितायें लिखना प्रारंभ किया जिसका प्रकाशन मासिक पत्रिका “सरस्वती” में होने लगा। 12 दिसम्बर 1964 को दिल का दौरा पड़ने से भारत के राष्ट्रकवि ने इस जगत से विदा ले ली।
मैथिलीशरण गुप्त की रचनाएँ
गुप्त जी मुख्य रूप से द्विवेदी काल के कवि हैं और उनकी रचनाए रामायण एवं महाभारत से अत्यंत प्रभावित हैं। इनका प्रथम काव्य संग्रह “रंग में भंग” और उसके बाद में “जयद्रथ वध” प्रकाशित हुई। उन्होंने बंगाली भाषा के काव्य ग्रन्थ “मेघनाथ वध” और “ब्रजांगना” एवं संस्कृत के प्रसिद्ध ग्रन्थ “स्वप्नवासवदत्ता” का अनुवाद भी किया। गुप्त जी द्वारा एक महाकाव्य ‘साकेत’ की रचना भी की गयी। जो सन् 1916-17 ई. में प्रारंभ होकर 1931 में पूरा हुआ।
16 अप्रैल 1941 को उन्हें व्यक्तिगत सत्याग्रह में शामिल होने के लिए गिरफ्तार किया गया परन्तु उनके विरुद्ध आरोप सिद्ध नहीं होने से उन्हें 07 महीने में छोड़ दिया गया। सन् 1948 में आगरा विश्वविद्यालय द्वारा उन्हें डी.लिट. की उपाधि भी दी गयी।
मध्य प्रदेश के संस्कृति राज्य मंत्री श्री लक्ष्मीकांत शर्मा ने राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त जी के जन्मदिवस के उपलक्ष में मध्य प्रदेश में प्रतिवर्ष 03 अगस्त को व्यापक स्तर पर ‘कवि दिवस’ मानाने के आदेश जारी किये। भारत की युवा पीढ़ी अपनी संस्कृति से परिचित हो सके इसलिए इस दिन कई कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं।
FAQs
3 अगस्त 1886 को मैथिलीशरण गुप्त जी का जन्म उत्तर प्रदेश में झांसी के पास चिरगांव में हुआ था।
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