मलेरिया एक ऐसी बीमारी है जिसका इलाज यदि समय रहते नहीं किया जाएँ तो यह मरीज की जान भी ले सकती है। मलेरिया मच्छरों के काटने से होने वाली बीमारी है। मच्छर के काटने से प्लाज्मोडियम नामक जीवाणु शरीर में प्रवेश कर जाता है और शरीर में पहुच कर अपनी संख्या में वृद्धि कर लेता है और व्यक्ति को बीमार कर देता है। आगे आप जानेंगे कि मलेरिया किस मच्छर के काटने से होता है? और साथ ही इस बीमारी से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी भी पढ़ने को मिल जाएंगी।
मलेरिया किस मच्छर के काटने से होता है?
मलेरिया फीमेल एनोफिलीज मच्छर के काटने से होता है, केवल फीमेल एनोफिलीज मच्छर ही खून चूसती है क्योकि इन्हें अन्डो को पोषण देने के लिए आयरन और प्रोटीन की जरूरत होती है, इसी वजह से मादा मच्छर इंसानों का खून चूसती हैं।
मलेरिया के लक्षण
- बुखार
- बार-बार पसीना आना
- थकान
- शरीर में दर्द
- दस्त-उल्टी
बचने के उपाय
बारिश के मोसम में मलेरिया होने की सम्भावना ज्यादा होती है इसीलिए हमें कई तरह के उपायों की सहायता लेने की जरूरत होती है। बारिश के मौसम में मच्छर ज्यादा पैदा होते हैं इसी कारण डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया, इन्सेफेलाइटिस जैसी बीमारियों का खतरा बड़ जाता है।
- अपने आस-पास गंदगी न होने दें।
- शरीर की ढक कर रखें ।
- बुखार होने पर डॉक्टर को जल्द से जल्द दिखाएं।
- मच्छरदानी का उपयोग
- mosquito repellent machine जैसे Allout, Goodnight, Mortein का उपयोग करें।
FAQs
मलेरिया चार प्रकार का होता है। पर भारत में दो प्रकार प्लाज्मोडियम फाल्सीपेरम तथा प्लाज्मोडियम वैवाक्स मलेरिया पाया जाता है।
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