यदि आप मौत के बाद कितने समय तक हमारा हृदय जीवित रह सकता है? इस प्रश्न के उत्तर की तलाश में है तो आपको इस लेख में इसका उत्तर मिल जाएगा।
मौत के बाद कितने समय तक हमारा हृदय जीवित रह सकता है?
मृत्यु एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जिसमें जीवन का अंत हो जाता है और शरीर की जीवन चेतना समाप्त हो जाती है। यह जीवों के लिए एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जो समय के साथ होती है।
ज्ञानग्रंथ का WhatsApp Channel ज्वाइन करिये!मृत्यु के कारण विभिन्न हो सकते हैं, जैसे कि उम्र, बीमारी, दुर्घटना, आपातकालीन परिस्थितियाँ, आदि। यह जीवन के चक्र के रूप में देखा जा सकता है। यह एक ऐसी प्राकृतिक प्रक्रिया है जिसका सभी जीवों को सामना करना होता है, चाहे वो मनुष्य हों, पशु हों या किसी अन्य जीवन रूप में हों।
मौत के बाद 6 घंटे तक हमारा हृदय जीवित रह सकता है। मौत के बाद हमारे हृदय का काम बंद हो जाता है और यह धीरे-धीरे बंद होता जाता है। आमतौर पर मौत के बाद हृदय का काम तुरंत बंद नहीं होता, बल्कि यह कुछ समय तक चलता रहता है।
मृत्यु के बाद ह्रदय काफी कम समय तक काम करता है। मृत्यु के कुछ मिनटों तक तो ह्रदय काम कर सकता है, लेकिन इसका समय व्यक्ति की स्थिति पर भी निर्भर करता है। कुछ मामलों में डॉक्टर्स एक समय तक अपने मरीजों को हृदय-संबंधित दवाओं और उपचारों के साथ जिंदा रखने की कोशिश करते हैं, जो कि मृत्यु के पश्चात् हृदय के काम को सहायक हो सकते हैं।
कोनसा अंग कितनी देर जीवित रहता है?
किडनी
किडनी शरीर का वह अंग है जो सबसे अधिक समय तक जिन्दा रहता है। यह ज्यादा से ज्यादा 26 घंटो तक जीवित रहा सकता है, किडनी हमारे शरीर से पानी के द्वारा अपशिष्ट को बाहर करने का काम करती हैं।
लिवर
लिवर कार्बोहाइड्रेट्स (Carbohydrates) को ग्लाइकोजन (Glycogen) के रूप में जमा कर करने का काम करता हैं और यह मृत्यु के बाद 15 घंटे तक जीवित रह सकता है।
फेफड़े
फेफड़े सांस लेने के दौरान ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड को अलग करते हैं। फेफड़े लगभग 8 घंटो तक जिन्दा रह सकते हैं।
मस्तिष्क
मस्तिष्क 20 मिनट तक जीवित रहता है, यह मानव शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग जो याद रखने का काम करता है, अंगो को कार्य करने के लिए संकेत देता है आदि।
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