भारत में प्राचीन काल से ही रोगों को खत्म करने के लिए आयुर्वेद का उपयोग होता आया है। आज के समय में भी कई बार व्यक्ति आयुर्वेद का सहारा लेकर ही रोगों से अपनी रक्षा करता है। हमारे पास सभी प्रकार की औषधियों की जानकारी है कि कौनसी औषधि रोग को ठीक करने में काम आती है और कौनसी औषधि का किस तरह उपयोग किया जाना चाहिए। मुलेठी भी बहुत से रोगों में काम आती है, तो आइए जानते हैं कि मुलेठी किन-किन बीमारियों में सहायक है?
मुलेठी किस रोग की दवा है?
मुलेठी एक प्रसिद्ध जड़ी बूटी है। आमतौर पर यह आपको सर्दी-जुखाम से राहत देने काम करती है पर इसके और कई अन्य उपयोग भी है। यह सुखी लकड़ी की तरह होती है और इसमें कई औषधीय गुण पाए जाते हैं। इसका वैज्ञानिक नाम Glycyrrhiza glabra है, संस्कृत में इसके कई नाम है जैसे – यष्टीमधु, यष्टीमधुक, मधुयष्टि, जलयष्टि, क्लीतिका, मधुक, स्थल्यष्टी। मुलेठी में एंटीऑक्सीडेंट्स, एंटी-इंफ्लामेटरी और एंटी-माइक्रोबियल गुण पाए जाते हैं जो बहुत गुणकारी होते हैं।
मुलेठी से होने वाले फायदे
- हाई कोलेस्ट्रॉल
- कमजोर इम्युनिटी
- लिवर रोग
- स्किन डिसऑर्डर
- गले में सूजन व दर्द
- खांसी-जुकाम
- फेफड़ों के रोग
- मोटापा
- अन्य गले के रोग, आंखों के रोग, मुंह के रोग, दमा, दिल के रोग, घाव के उपचार।
मुलेठी का उपयोग कैसे करें?
- आप मुलेठी की जड़ो को चबा सकते हैं।
- मुलेठी की चाय भी बनाई जा सकती हैं।
- काढ़ा बना सकते हैं।
- एक दिन में 1 से 5 ग्राम तक ही मुलेठी खा सकते हैं।
FAQs
मुलेठी की तासीर ठंडी होती है।
आप इसे चबा भी सकते हैं और रात भर पानी में भिगोकर इसका पानी पी सकते हैं।
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