नागार्जुन एक प्रसिद्ध और प्रगतिवादी विचारा धारा रखने वाले कवि थे। इन्होने बहुत सी रचनाएँ की थी जो मैथिली भाषा में थी। इनकी रचनाएँ लोगो को ऊर्जा से भर देती थी। इनकी रचनाएँ बहुत सी सरल तरिके से अपने उद्देश्य को दर्शा देती थी इसलिए लोगो को वह काफी पसंद की जाती थी। आइये नागार्जुन का जीवन परिचय देते हुए उनकी रचनाओं के बारे में और अधिक जानते है।
नागार्जुन का जीवन परिचय
इनका असली नाम वैद्यनाथ मिश्र था। इनका जन्म 30 जून, 1911 को मधुबनी, बिहार में हुआ था। इनके पिता का नाम गोकुल मिश्रा था जो एक मध्यम वर्गीय ब्राह्मण थे। गोकुल मिश्रा की नागार्जुन से पहले चार संताने थी जो असमय ही स्वर्ग सिधार चुकी थी। जब नागार्जुन 3 वर्ष के जब ही उनकी माँ की मृत्यु हो गयी थी तभी से उनके पिताजी ने उनकी देखभाल की थी। वे हिंदी साहित्य में बहुत ही निपूर्ण थे। उनकी ननगार्जुन और यात्री जो रचनाएँ थी वो पूरी मैथली भाषा में है। उन्होंने पढ़ाई आधी वाराणसी और आधी कोलकत्ता में पूर्ण की थी। नागार्जुन के पिताजी अशिक्षित थे जिस वजह से वे केवल खेती पर आश्रित थे पर उनके आलसी स्वभाव के कारण वे खेती पर भी ध्यान नहीं देते थे और केवल अपनी जमीनों को बेच कर अपना जीवन व्यतीत करते थे।
जब नागार्जुन काशी में थे तब उनकी वैदेह नाम की कविता भी काफी प्रसिद्द हुई फिर सन् 1936 में सिंहल में ‘विद्यालंकार परिवेण’ में ही ‘नागार्जुन’ नाम ग्रहण किया। नागार्जुन की पहली हिन्दी रचना ‘राम के प्रति’ नामक कविता जो १९३४ ई० में लाहौर की साप्ताहिक ‘विश्वबन्धु’ में छपी थी। इनकी बौद्ध धर्म में बहुत रूचि थी जिस वजह से वे लंका चले गए थे जहां उन्होंने कवि नागार्जुन ने “विद्यालंकार परिवेण” से बौद्ध धर्म की शिक्षा ग्रहण की और फिर उन्होंने बौद्ध धर्म को अपना लिया था । नागार्जुन राजनीती में भी लगाव रखते थे उनके समय में स्वतंत्रता संग्राम चल रहे थे जब उन्होंने किसान आंदोलन में हिस्सा लिया था। नागार्जुन की म्रत्यु 5 नवंबर,1998 को हुई थी ।
नागार्जुन जी की प्रसिद्ध रचनाएँ कविता-संग्रह
कविता-संग्रह-
युगधारा, प्यासी पथराई आँखें, तुमने कहा था, खिचड़ी विप्लव देखा हमने, हजार-हजार बाँहों वाली, तालाब की, मछलियाँ, इस गुब्बारे की छाया में, आखिर ऐसा क्या कह दिया मैंने, पुरानी जूतियों का कोरस, सतरंगे पंखों वाली, रत्नगर्भ, भूल जाओ पुराने सपने, ऐसे भी हम क्या! ऐसे भी तुम क्या, अपने खेत में, कविता-संग्रह इनके द्वारा रचे गये है ।
उपन्यास–
रतिनाथ की चाची, उग्रतारा, बलचनमा, नयी पौध, पारो, कुंभीपाक , बाबा बटेसरनाथ, आसमान में चाँद तारे, वरुण के बेटे, दुखमोचन, जमनिया का बाबा , हीरक जयन्ती , गरीबदास नागार्जुन के उपन्यास है ।
बाल साहित्य –
कथा मंजरी भाग-1, कथा मंजरी भाग-2, मर्यादा पुरुषोत्तम, विद्यापति की कहानियाँ ।
मैथिली रचनाएँ-
चित्रा , पत्रहीन नग्न गाछ (कविता-संग्रह), पारो, पका है यह कटहल, नवतुरिया (उपन्यास)।
नागार्जुन जी की बांग्ला रचनाएँ-
मैं मिलिट्री का बूढ़ा घोड़ा, संचयन एवं समग्र, ऐसा क्या कह दिया मैंने आदि ।
FAQs
नागार्जुन का बचपन का नाम ‘ठक्कन मिसर’ था।
नागार्जुन का जन्म जन्म 30 जून, 1911 को मधुबनी, बिहार में हुआ था।
नागार्जुन का वास्तविक नाम वैद्यनाथ मिश्र है।
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