हिन्दू धर्म के प्रमुख त्योहारों मेसे एक नवरात्री का आरम्भ होने वाला है, वर्ष में नवरात्री चार बार आती है और हर नवरात्री का विशेष महत्व है तथा शारदीय नवरात्रि में पंडाल का निर्माण किया जाता है तथा दुर्गा माँ की मूर्ति की स्थापना की जाती है, माँ के सभी रूपों की पूजा की जाती है तथा कामना की जाती है माता उनके सारे दुखो का अंत करेंगी, भक्त पुण्य पाने के लिए और देवी को प्रसन्न करने से लिए व्रत आदि भी करते हैं। नवरात्री में कई नियमों का पालन भी करना पड़ता है यदि इन नियमो का पालन न किया जाएं तो माता नाराज़ भी हो सकती हैं और आपकी पूजा अर्चना का लाभ भी आपको नहीं मिलेगा। तो आइये जानते हैं कि नवरात्री के पावन पर्व पर किन-किन कार्यो को करने से बचना चाहिए ताकि हमें भक्ति का पुरा लाभ मिल सकें।
नवरात्रि के समय देवी के नौ रूपों की बारी बारी से पूजा की जाती है जिसमे सबसे सबसे पहली देवी शैलपुत्री, दूसरी ब्रह्मचारिणी, तीसरी चंद्रघंटा, चौथी कूष्मांडा, पांचवी स्कंध माता, छठी कात्यायिनी, सातवीं कालरात्रि, आठवीं महागौरी और नौवीं सिद्धिदात्री है।
ज्ञानग्रंथ का WhatsApp Channel ज्वाइन करिये!नवरात्रि में क्या न करें
- नवरात्री का पर्व अत्यधिक पवित्र माना जाता है इसीलिए इन दिनों तामसिक चीजो (प्याज, लहसून) का सेवन नहीं करना चाहिए और नहीं नशा आदि करना चाहिए।
- नवरात्री के दौरान इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि इस समय बाल और नाख़ून नहीं काटना चाहिए, नवरात्री के समय इन कार्यो को करने की मनाही है।
- जो व्यक्ति नवरात्री में वत्र करता है उसे अधिक नियमो का पालन करना होता है, वह व्यक्ति अनाज, नमक का सेवन नहीं कर सकता है, निम्बू नहीं काट सकता है, तथा खाना खाते समय अपने स्थान से एक बार भी न उठें।
- नवरात्री के समय शारीरिक सम्बन्ध नहीं बनाना चाहिए क्योकि यदि कोई व्यक्ति ऐसा करता है तो वह पाप का भागी माना जाता है।
- अगर आपके घर में अखंड ज्योत जलाई जाती है तो उस घर को कभी भी खाली न छोड़े किसी एक व्यक्ति का उस घर में रहना बेहद जरुरी है।
- नवरात्री के समय मन में किसी भी प्रकार के बुरे विचार नहीं लाना चाहिए तथा न हो अभद्र भाषा का प्रयोग करना चाहिए। यदि मन में बुरे विचार आते हैं तो मन को भक्ति भाव में लगाना चाहिए।
FAQs
इस वर्ष नवरात्रि 15 Oct से 24 Oct तक है।
नवरात्री का समय बहुत ही पावन होता है इस समय माँ की आराधना करना चाहिए तथा हवन, व्रत आदि करना चाहिए।
मां शैलपुत्री, मां ब्रह्मचारिणी, मां चंद्रघंटा, स्कंद माता, मां कात्यायनी, मां कालरात्रि, मां महागौरी, मां सिद्धिदात्री ।
यह भी पढ़ें