निंदा करना एक बुरी आदत है किसी की भी निंदा करने से हम अपने चरित्र और व्यवहार को खराब करते हैं इसीलिए कभी भी किसी की निंदा नही करनी चाहिए। निंदा का अर्थ होता है कि किसी इंसान की किसी दुसरे के सामने बुराई करना चाहे वो मित्र हो या शत्रु। निंदा करने वाले किसी को नही छोड़ते है निंदा करना उनकी आदत बन चुकी होती है वो ना स्थान देखते है ना समय कही भी निंदा करना प्रारम्भ कर देते हैं ऐसा करने से निंदा करने वाले को शांति प्राप्त होती है क्योकि कहां जाता है कि जो बराबरी नही कर पाता है वो निंदा प्रारम्भ कर देता है और सामने वाले की छवि खराब करने के प्रयास करता है जिस कारण वो लोगो के सामने निंदा करने से बिलकुल भी नही चुकता है। आगे इस लेख में आप जानेंगे कि निंदा करने वाले को क्या कहते हैं?
निंदा करने वाले को क्या कहते हैं?
निंदा करने वाले को निंदक कहते हैं। निंदा के सम्बन्ध में हर किसी की समान राय है कि निंदा करने की आदत किसी भी व्यक्ति की छवि को धूमिल कर देती है।
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