ओलंपिक का आगाज 1896 में ग्रीस में हुआ था परन्तु भारत ने 1900 में ओलिंपिक में अपना पहला कदम रखा था। उस साल भारत के ओर से नार्मन पिचार्ड ने ओलंपिक में भाग लिया था और वे 2 मेडल भी जीत कर आए थे। वर्तमान की बात करें तो इस साल टोक्यो ओलंपिक में भारत की ओर से 126 एथलीट हिस्सा ले रहे हैं। इस साल का दल पिछले सालों के सभी दलों से बड़ा है। आज हम जानेंगे की ओलंपिक भाले का वजन कितना होता है ?
ओलंपिक भाले का वजन कितना होता है ?
ओलंपिक भाले का वजन पुरुष और स्त्री दोनों के लिए अलग-अलग होता है। पुरुषों के भाले के वजन 800 ग्राम होता है परन्तु स्त्री के भाले का वजन 600 ग्राम होता है। पुरुष के भाले की लम्बाई 2.6 मीटर से 2.7 मीटर के बीच होता हैं और वहीं महीला के भाले की लम्बाई 2.2 मीटर से 2.3 मीटर के बीच होती है।
ज्ञानग्रंथ का WhatsApp Channel ज्वाइन करिये!जैवलिन थ्रो क्या है ?
जैवलिन थ्रो या भाला फेंक एक ट्रैक और फील्ड इवेंट है। जैवलिन थ्रो के थ्रो को उस बिंदु से मापा जाता है जहाँ जैवलिन की टीप पहले टकराती है। ओलंपिक में सारे एथलीट अपने जैवलिन को एक साथ रखते हैं जिसे कोई भी एथलीट इस्तेमाल कर सकता है।
भाला फेंक खेल के नियम
जैवलिन थ्रो में भाले को कंधे के ऊपर से फेंका जाता है। इसमें यह भी एक नियम है कि आप भाला फेंकने से पूर्व भाला फेंकने वाली दिशा की ओर पीठ नहीं कर सकते तथा भाला फेंकते वक़्त मैदान के छोर पर बनी रेखा से अगर किसी एथलीट के शरीर का कोई भी अंग छू जाता है तो वह इस खेल का उलंघन माना जाता है। अगर भाले का सीरा जमीन में नहीं घुसता या भाला जमीन में खड़ा नहीं होता तो ऐसे थ्रो को सही नहीं माना जाता है। इस खेल में भाला फेंकने के लिए 3 मौके मिलते हैं और जो एथलीट भाले को सबसे दूर फेंकता है वह जीत जाता है।
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