नमस्कार दोस्तों! आज का प्रश्न है परिवार कितने प्रकार के होते हैं? आइये जानते है विस्तृत जानकारी परिवार के प्रकारों के बारे में।
परिवार कितने प्रकार के होते हैं?
परिवार 2 प्रकार के होते हैं –
- एकल परिवार
- संयुक्त परिवार
एकल परिवार
एकल परिवार यानिकी छोटा परिवार जिसमे केवल माता-पिता और बच्चे रहते हैं , एकल परिवार में रहने के कुछ फायदे भी होते हैं और कुछ नुकसान भी होते हैं। जैसे एकल परिवार के फायदे यह है कि एकल परिवार में सदस्यों की संख्या कम होती है जिस कारण निजी जरूरतो को आसानी से बिना मतभेद के पूरा किया जा सकता है।
अधिकतर देखा गया है कि एकल परिवार के बच्चे उच्च शिक्षा अच्छे से प्राप्त कर पाते हैं क्योकि एकल परिवार में जरूरते पूरी होने की सम्भावना ज्यादा होती है जिस कारण माता-पिता अपने बच्चो की उच्च शिक्षा पर खर्च कर पाते हैं। एकल परिवार में निर्णयों पर पाबंदी नही होती है जिस कारण घर वाले शीघ्र निर्णय ले पाते हैं साथ ही वैचारिक स्वतंत्रता भी होती है।
एकल परिवार में आर्थिक स्वतंत्रता तथा स्वावलंबन होता है क्योकि संयुक्त परिवार में कम आय वाला व्यक्ति अधिक आय वाले व्यक्ति पर एक दबाव सा डालता है जिस कारण वह स्वयं की इच्छाओ को पूर्ण नही कर पाता है और एक उचित बजट का निर्माण नही कर पाता है। उसी प्रकार एकल परिवार के कुछ नुकसान भी है, एकल परिवार में बड़े बुजुर्गो का अभाव होता है जिस कारण अनुभवी लोगो की अनुपस्थिति की वजह से एकल परिवार में कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है और बच्चो में संस्कार की कमी भी रह जाती है और वह गलत संगती का शिकार हो सकते हैं।
त्योहारों पर अकेलापन तथा जब कभी संयुक्त परिवार में कोई विपत्ति आती है तो परिवार के सभी लोग एकजुट हो जाते हैं लेकिन एकल परिवार में किसी का भी एकाएक सहारा नहीं मिलता है।
संयुक्त परिवार
संयुक्त परिवार का अर्थ होता है जहा माता-पिता, दादा-दादी, काका-काकी, ताऊजी-ताईजी सभी एक घर में एक साथ रहते हैं। ऐसे परिवार में घर का सबसे बड़ा सदस्य घर का मुखिया होता है, इस प्रकार के परिवार में लोग साथ में खाना बनाते है मिल कर खर्च बाटते है, तथा अकेलेपन का सामना नही करना पड़ता है।
इस प्रकार के परिवार में भी कुछ नुकसान तथा कुछ फायदे होते हैं जैसे की एकजुटता का लाभ मिलता है, बच्चो पर बड़ो की नजर रहती है तथा उन पर बुजुर्गो का आशीर्वाद बना रहता है तथा संस्कार मिलते रहते हैं, लोगो की संख्या अधिक होने के कारण काम का बोझ कम रहता है, सुख दुःख में किसी की तलाश नही करनी होती है।
परन्तु संयुक्त परिवार के कुछ नुकसान भी है जैसे प्राइवेसी की कमी, आर्थिक मतभेद का डर, विचारों में मतभेद के कारण घरेलू हिंसा का डर, मिल कर रहने के कारण इच्छाओ की पूर्ति में कमी आदि।
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