आज कल पथरी की समस्या में इजाफा देखा जा रहा है, बहुत से लोग इस बीमारी से जूझ रहें हैं, पेशाब में कैल्शियम ऑक्जलेट या अन्य क्षारकणों का एक दूसरे से मिल जाने के कारण धीरे-धीरे मूत्रमार्ग में कठोर पदार्थ बनने लगता है, और कुछ समय बाद यह बड़ी समस्या बन जाता है। इसे ही पथरी कहा जाता है। पानी ना पीना कई बार गुर्दे की पथरी का कारण बनता है। आगे आप जानेंगे कि पेशाब की नली कितने एमएम की होती है?
पथरी के लक्षण
- बुखार और ठंड लगना।
- पेशाब करने से दर्द या जलन।
- गुलाबी, भूरा या लाल मूत्र।
- मूत्र में रक्त।
- हैपेट के निचले हिस्से में दर्द।
- दुर्गंधयुक्त पेशाब।
- पीठ में दर्द।
इस बीमारी का इलाज सम्भव है यही मूत्र स्म्म्बन्धित किसी प्रकार की समस्या होतो डॉक्टर को दिखाना जरुरी है वरना पथरी की समस्या हो सकती है। पथरी की रोकथाम में जीवनशैली में बदलाव और दवाओं की जरूरत होती है।
पेशाब की नली में इन्फेक्शन
मूत्राशय की नली में संक्रमण या सूजन को यूरिन इंफेक्शन कहा जाता है, कई कारणों से यह इन्फेक्शन हो सकता है जैसे लंबे समय तक मूत्र को रोकना, मधुमेह, गर्भवास्था औऱ मोनोपॉज के समय भी यूरिन इंफेक्शन आदि।
- महिलाओं के श्रोणि क्षेत्र में दर्द।
- पेशाब करने पर जलन।
- पुरुषों के मलाशय में दर्द।
- ब्लैडर खाली न होना और बार-बार पेशाब आना।
- मूत्र के गंध में परिवर्तन।
- पेशाब के साथ खून निकलना।
- तुरंत पेशाब करने की जरूरत महसूस होना।
- मूत्र के रंग में परिवर्तन।
पेशाब की नली कितने एमएम की होती है?
पेशाब नली की साइज 6 एमएम की होती है, इसीलिए बड़ी पथरी होने पर उससे निकालना मुश्किल होता हैं।
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