पितृ दोष की पूजा कहां पर होती है?

पितृ दोष की पूजा कहां पर होती है?

No Comments

Photo of author

By Shubham Jadhav

ज्योतिष शास्त्र में व्यक्ति की कुंडली में मिलने वाले कई दोषों के बारे में बताया गया है और साथ ही उनके समाधान भी बतलाये गए हैं। जैसे मांगलिक दोष, पितृ दोष, कालसर्प दोष, नाड़ी दोष इत्यादि। आज के इस लेख में पितृ दोष से सम्बन्धित कई प्रश्नों के उत्तर आपको इस मिल जाएँगे। जैसे पितृ दोष क्यों होता है? पितृ दोष की पूजा कहां पर होती है, पितृ दोष निवारण मंत्र क्या है आदि?

पितृ दोष क्यों होता है?

पितृ दोष किसी भी इन्सान की कुंडली में होता है, अगर किसी की कुंडली में पितृ दोष है तो उसे इसका प्रभाव कम करने के लिए पितृ दोष निवारण पूजा करना होती है। इस दोष को लगने का कारण यह होता है कि पित्रों की श्राद्ध पूजा न करना। इस दोष से पीड़ित व्यक्ति को जीवन कई प्रकार की समस्याओ का सामना करना पड़ सकता है जैसे मानसिक, शारीरिक रोग, विवाह सम्बन्धित समस्या।

पितृ दोष की पूजा कहां पर होती है?

पितृ दोष को दूर करने के लिए कई उपाय बताये जाते हैं जिसमे मुख्य हैं पुजन। अगर किसी को पितृ दोष है तो इसका अर्थ है कि उसके पूर्वज उससे नाराज़ है और इस दोष को दूर करने के लिए उसे पितृ दोष निवारण पूजा करवाना होता है। यह पूजा किसी पवित्र नदी के तट, पीपल के पेड़ के निचे की जाती है। खास कर लोग त्र्यंबकेश्वर और उज्जैन में इस पूजा को सम्पन्न करते हैं।

पितृ दोष निवारन मंत्र

“ओम श्रीम् सर्व पितृ दोषो निवारनाय कालेशं हं सुख शांतिं देहि चरण स्वाहा” इस मन्त्र का जाप १६ बार करना होता है।

इस मन्त्र के जाप के अलावा दान करने, बड़ो का आदर करने, समय से पितरो का श्राद करने से इस दोष के प्रभाव कम हो जाता है।

कुछ और महत्वपूर्ण लेख –

2Shares

Leave a Comment