निमोनिया सांस से जुड़ी एक की बीमारी है । निमोनिया एक संक्रमण के कारण होता है जो फेफड़ों में फैल जाता है। निमोनिया के अधिकांश मामलों की शुरवात सांस लेने में तकलीफ, सर्दी खांसी से होती है। निमोनिया वायरस से फैलने वाली बीमारी है। निमोनिया कई प्रकार के होते हैं पर उनमें से यह चार प्रमुख व्यक्ति रियल निमोनिया वायरल निमोनिया माइकोप्लाजमा निमोनिया एस्पिरेशन निमोनिया । हम आज आपको बताने जा रहे है की निमोनोया कितने दिन में ठीक हो जाता है ।
निमोनिया के लक्षण
हेल्थ एक्सपर्ट जयंत पाटीदार के अनुसार निमोनिया में व्यक्ति को बुखार आ जाता है तापमान 105 डिग्री फॉरेनहाइट तक पहुंच सकता है। निमोनिया के प्रमुख लक्षण खांसी सांस लेने में तकलीफ सीने में दर्द है । जब निमोनिया की शुरुआत हो तब इसे घरेलू उपचार द्वारा भी ठीक किया जा सकता है जैसे कि हल्दी निमोनिया होने पर दूध में मिलाकर पीने से काफी आराम मिलता है , लहसुन में सबसे ज्यादा एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जो निमोनिया से राहत देने में मदद करते हैं , अदरक निमोनिया मरीज को आराम देती हैं । निमोनिया सांस से जुड़ी एक की बीमारी है ।
निमोनिया के घरेलू उपाय
गर्मागर्म सूप पिएं
सूप पिने से निमोनिया में राहत मिल सकती है। सूप में बहुत से पोषक तत्व होते है जो आपकी इम्युनिटी को बूस्ट करेंगे और आपको बीमारी से लड़ने में मदद करेंगे। सूप बड़ी आसानी से मिल भी जाते है और उनके निगलने की समस्या भी नहीं होती है। फलो में बहुत विटानीम होते है जो शरीर को ताकत प्रदान करते है।
शहद
निमोनिया होने पर गले में कफ बनने लगता है साथ ही खासी भी होने लगती है ऐसे में शहद आपको कफ और खासी से लड़ने में मदद कर सकती है शहद में ऐंटिबैक्टिरियल, ऐंटिफंगल और ऐंटिऑक्सिडेंट होता है जो सर्दी से लड़ने में मदद करते है है। 1/4 गिलास गर्म पानी में एक चम्मच शहद मिला कर पीड़ित को देना चाहिए।
पेपरमिंट की चाय
पेपरमिंट की चाय कफ को खत्म कर साँस की समस्या से छुटकारा दिलाती है साथ ही ये पेनकिलर का काम भी करती है और शरीर को निमोनिया में आराम पहुँचती है। निमोनिया में गर्म चीजों का सेवन करने से आराम मिलता है पर हमे ध्यान रखना होता है की मरीज को इन चीजों से कुछ तकलीफ ना हो रही हो ।
खारे पानी के गरारे
खारे पानी के गरारे करने से गला साफ़ होता है अगर हल्के फुल्के निमोनिया के शुरवाती लक्षण होतो खारे पानी के गरारे कर लेने चाहिए इससे गले में कफ भी खत्म होता है । अधिकतर देखा गया है की निमोनिया में गले में दर्द भी होता खारे पानी के गरारे करने से गलो को भी आराम मिलता है ।
हल्दी
हल्दी हर किसी के घर में होती ही है क्योकि भारत में हल्दी उपयोग ही इतने सारे है की उसे घर में रखना ही पड़ता है । हल्दी में एंटी बॉयटिक गुण पाए जाते है जो दर्द में राहत का काम करते है। हल्दी को दूध में मिला कर लेने से निमोनिया के समय हो रहे सीने में दर्द से राहत मिलती है।
निमोनिया से बचने का मुख्य उपाय है कि पीसीवी वैक्सीन लगवाई जाए। घर में साफ-सफाई रखी जाए। पोषण का पूरा ध्यान रखा जाए, सर्दियों के समय में बच्चों को गर्म कपड़े पहना कर रखना चाहिए वरना वह निमोनिया की जकड़ में आ सकते हैं।
निमोनिया के दौरान परहेज
निमोनिया से पीड़ित व्यक्ति से दुरी बना कर रखना चाहिए, यह किसी पीड़ित से आपको भी लग सकती है। जो व्यक्ति या बच्चा पीड़ित है उससे दूध से बने पदार्थ कम ही मात्रा में देना चाहिए क्योकि दूध से गले में कफ बन सकता है जो पीड़ित को और परेशान कर सकता है । ढंडी जगहों पर जाने से बचे और मुँह पर मास्क लगा कर रहे। इसे जगहों पर भी ना जाए जहा प्रदूषण हो। जितना हो सके घर के अंदर ही आराम करे।
बच्चों को निमोनिया होने पर डॉक्टर से कब सम्पर्क करे
निमोनिया शुरवात में तो आसानी से ठीक हो जाता है पर यदि समय रहते बच्चे को डॉक्टर्स को नहीं दिखाया जाए तो गंभीर रूप भी ले सकती है। कुछ दिन धरेलू इलाज के बाद यदि निमोनिया ठीक ना होतो डॉक्टर से सम्पर्क करना चाहिए। अगर बच्चे में साँस फूलने की समस्या हो, उसने काफी कम मात्रा में पानी पीया हो , उसके होठो और नाखुनो का रंग नीला पड़ने लगा होता तुरंत की डॉक्टर के पास जाना चाहिए ।
निमोनिया कितने दिन में ठीक हो जाता है
निमोनिया आमतौर पर सर्दियों के मौसम में ज्यादा होता है छोटे बच्चों की बीमार होने की संभावना बढ़ जाती है बच्चों में निमोनिया 10 से 12 दिन में ठीक हो जाता है। अगर समय रहते इसका इलाज न किया जाए तो यह गंभीर बीमारी बन सकती है।
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