वर्षा ऋतु पर निबंध - Rainy Season Essay In Hindi

वर्षा ऋतु पर निबंध – Rainy Season Essay In Hindi

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By Shubham Jadhav

यदि आप वर्षा ऋतू पर निबंध लिखना चाहते हैं तो आपको इस लेख में Varsha Ritu Par Nibandh मिल जाएगा। जिसे कक्षा 6 से 12 तक के विद्यार्थी याद कर परीक्षा में लिख सकते हैं। यहाँ आपको अलग-अलग शब्द सीमाओं के साथ वर्षा पर निबंध मिल जाएगा जैसे 100, 200 और 500 शब्दों में। आप अपनी आवश्यकता के अनुसार किसी भी निबंध का चयन कर सकते हैं और उसे लिख सकते हैं।

वर्षा ऋतु पर निबंध

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वर्षा ऋतु पर निबंध 100 शब्दों में

वर्षा ऋतू के आगमन पर प्रकृति खिल जाती है तथा हर तरफ एक शुद्ध वातावरण हो जाता है इसीलिए इसे मनभावक मौसम कहा जाता है। यह मौसम अन्य मौसमो की तुलना में ज्यादा महत्व रखता है क्योकि उसके बिना पृथ्वी पर कई सुखा पड़ सकता है और जरूरत के लिए आवश्यक पानी की आपूति में समस्याएँ आ सकती है साथ ही पृथ्वी का तापमान इतना बड़ सकता है कि यहाँ रहना सम्भव नहीं हो पाएगा। हर क्षेत्र में अलग-अलग मात्रा में वर्षा होती है तथा उष्णकटिबंधीय वर्षा वनों में पुरे वर्ष ही वर्ष का मौसम रहता है इसके विपरीत रेगिस्तान के कई क्षेत्रो में कभी भी वर्षा नहीं होती है। वर्षा के कारण ही फसलें उग पाती है और हमारे खाने की आपूर्ति होती है इसीलिए भी वर्षा महत्वपूर्ण मोसम माना गया है।

वर्षा ऋतु पर निबंध 200 शब्दों में

वर्षा का मौसम लगभग हर किसी को पसंद होता है क्योकि इस मौसम में एक अलग ही प्राकृतिक माहौल मिलता है तथा प्रकृति भी भीषण गर्मी से राहत पा कर खिलखिला जाती है। सामान्य स्थानों पर मुख्यतः वर्षा का मौसम जून से सितम्बर तक रहता है पर उष्णकटिबंधीय वर्षा वनों में पुरे वर्ष ही वर्षा होती रहती है। बरसात के समय आसमान में गहरे काले बादल नज़र आते हैं तथा खुबसूरत से इन्द्रधनुष भी दिखाई पढ़ते हैं। नदियों और तालाबों में पानी बड़ जाता है तथा जिन लोगों को इनमे नहाने का शौक होता है वह बड़े आनंद के साथ नहाते हैं और मजें करते हैं। देश के हर व्यक्ति के लिए वर्ष महत्वपूर्ण है क्योकि इसके बिना फसल का होना सम्भव नहीं है, इसीलिए किसान अच्छी फसल के लिए सही मात्रा में और सही समय पर वर्षा के आने की कामना करते हैं क्योकि ज्यादा वर्षा भी फसलों को खत्म कर देती है। वर्षा का प्रभाव हर सजीव और निर्जीव जीव पर पड़ता है तथा वर्षा ही जरुर पानी की भरपाई करती है और लोगों को जरुरी पानी मिल पाता है। जैसा की हम जानते ही है की पानी के बिना जीवन सम्भव नहीं है और हमें पानी वर्षा के कारण ही मिल पाता है। नदी और समुद्र से पानी भाप बन कर उड़ता है और बादल बनते हैं तथा अन्य स्थानों पर आ आकर बरसता हैं।

वर्षा ऋतु पर निबंध 500 शब्दों में

प्रस्तावना

भारत देश में हर तरह की ऋतू पाई जाती है, पर यहाँ कुछ क्षेत्र ऐसे भी है जहां एक निश्चित मौसम रहता है और पुरे वर्ष भर केवल ही मौसम रहता है। अन्य स्थानों पर हर चार माह में मौसम परिवर्तित होता है तथा वर्षा का मौसम जून से सितम्बर तक रहता है। गर्मी के बाद आने वाला बरसात का मौसम हर किसी को राहत देने का काम भी करता है क्योकि गर्मी के कारण हर कोई परेशान हो जाता है तथा व्ढ़सा की हर एक बूंद सुकून देती है। वेसे तो हर मौसम पृथ्वी पर जीवन को बनें रखने के लिए जरुरी है पर वर्षा का मौसम थोडा ज्यादा महत्व रखता है क्योकि यह पानी की आपूर्ति करता है।

वर्षा ऋतू का महत्व

वर्षा ऋतू पानी की आपूर्ति करने के लिए होता है, इस मौसम में हर नदी, तालाब, कुंड में पानी भर जाता है तथा हर तरफ हरियाली छा जाती है। प्रकृति मुस्कुरा उठती है और लोग प्राकृतिक स्थानों पर जा कर समय व्यतीत करना पसंद करते है। वर्ष ऋतू के कारण ही किसान अपनी फसल कर पाते है, कृषि का मुख्य आधार ही वर्षा है और भारत की अधिकांश जनसंख्या कृषि के माध्यम से ही आय अर्जित करती है इसीलिए कृषि अर्थव्यवस्था का मुख्य स्तम्भ भी मानी गयी है। वर्षा के बिना हर जगह सुखा पड़ जाता है, फसले नष्ट हो जाती है, गर्मी बढ़ने लगती है, पेड़ पौधे नष्ट होने लगते हैं इसीलिए सही समय पर वर्षा का होना बेहद जरुरी हैं।

केसे होती हैं वर्षा

वर्षा हर जिव जन्तु और पेड़ पौधे के लिए जरुरी है, यह तो हम जानते ही है कि बादलो के कारण वर्षा होती है तथा यह बादल पानी की बूंदों से ही बने होते हैं। जिसके बाद नमी वाली गर्म हवा किसी ठंडे और उच्च दबाव वाले वातावरण के संपर्क आती है तो वर्षा होने लगती है। गर्मी के कारण पानी वाष्पीकृत हो कर बादल बनता है तथा आसमान में जाकर ठन्डे वातावरण के कारण वर्षा में परिवर्तित हो जाता है और पानी बरसने लगता है, कई बार ज्यादा ठंडा तापमान होने के कारण पानी के साथ बर्फ के ओले भी बन जाते हैं और वह भी गिरने लगते हैं।

वर्षा से होने वाले नुकसान

यदि आवश्यकता से अधिक वर्षा होने लगे तो यह विनाश का कारण भी बन सकती है तथा बाढ़ आ सकती है। जिसमे जन धन ही हानि हो सकती है और कई घर ज्यादा पानी भर जाने के कारण बह जाते हैं या फिर टूट जाते है, इससे एक आम व्यक्ति काफी प्रभावित हो जाता है। वर्षा ऋतू में हर स्थान पर कीचड़ और पानी का जमाव हो जाता है जिस कारण मच्छर और के तरह के हानिकारक जीवाणु जन्म लेने लगते हैं तथा खतरनाक बीमारियों का कारण बनते हैं। वर्षा के मौसम में सावधानी न रखने पर इलेक्ट्रिसिटी से होने वाली दुर्घटनाओं में वृद्धि हो सकती है क्योकि पानी के कारण करंट फैलने लगता है।

उपसंहार

वर्षा के बिना जीवन सम्भव नहीं है यह पानी जैसी सबसे महत्वपूर्ण चीज़ की पूर्ति करती है, वर्ष ऋतू में पशु पक्षी भी आनंदित महसूस करते हैं तथा पक्षियों की चहचहाने की आवाज सुनाई देती है। प्रकृति की सुन्दरता और बड़ जाती है तथा हर तरफ हर भरा वातावरण हो जाता है।

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