आज आप जानेंगे कि राजपूतों की अग्निकुंड से उत्पत्ति का सिद्धांत किसने दिया था?
राजपूतों की अग्निकुंड से उत्पत्ति का सिद्धांत किसने दिया था?
राजपूतों की अग्निकुंड से उत्पत्ति का सिद्धांत चन्द्रबरदाई ने अपने ग्रन्थ पृथ्वीराज रासो में दिया है। चन्द्रबरदाई के अनुसार महर्षि वशिष्ठ द्वारा आबू पर्वत पर किये गये एक यज्ञ के अग्निकुंड से राजपूतो की उत्पत्ति हुई है। इस अग्निकुंड से राजपूतो के चार वंश उत्पन्न हुए थे – गुर्जर, चालुक्य, परमार, चौहान। इस सिद्धांत को पंडित गौरीशंकर हिराचंद औझा ने समर्थन दिया है।
ज्ञानग्रंथ का WhatsApp Channel ज्वाइन करिये!राजपूतो की विदेशी उत्पत्ति को लेकर कर्नल जेम्स टॉड का कहना है कि राजपूत विदेशी शक एवं सीथियन जातियों की संताने है। इस सिद्धांत का समर्थन जेम्स V.A. Smith ने भी किया है।
एक सिद्धांत और है जिसके अनुसार राजपूतों को किसी भी विदेशी मूल से सम्बंधित नहीं माना गया है. जिसमे इन्हें क्षत्रिय जाति से सम्बंधित बताया गया है। आर्यों में अग्नि की पूजा की जाती थी जोकि आर्यों से सम्बन्ध को दर्शाता हैं. अतः राजपूतों की उत्पत्ति भारतीय मूल की ही थी यह सिद्ध होता हैं।
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