रामायण किसी धर्म विशेष का ग्रन्थ नहीं है! और रामायण सिर्फ श्री राम का जीवन चरित्र ही नहीं बल्कि सभी मनुष्यों को जीवन जीने की राह दिखाता है। रामायण में श्रीराम के सोलह गुण बताए गए हैं, जो लोगों में नेतृत्व क्षमता बढ़ाने व किसी भी क्षेत्र में अगुवाई करने के अहम सूत्र हैं। वाल्मीकिजी ने नारद जी से प्रश्न किया कि सम्प्रति इस लोक में ऐसा कौन मनुष्य है जो गुणवान, वीर्यवान, धर्मज्ञ, कृतज्ञ, सत्यवादी और दृढ़व्रत होने के साथ साथ सदाचार से युक्त हो ? जो सब प्राणियों का हितकारक हो, साथ ही विद्वान, समर्थ और प्रियदर्शन हो ? आईये आज हम आपको बताते हैं कि अलग-अलग मतों के अनुसार Ramayan Kitne Saal Purani Hai – रामायण कितने साल पुरानी है ?
Ramayan Kitne Saal Purani Hai?
रामायण की रचना आदिकवि वाल्मीकि ने संस्कृत में की थी। इसे आदिकाव्य भी कहा जाता है। इसमें सात अध्याय हैं, इन अध्यायों को काण्ड कहा जाता हैं। रामायण की रचना का समय त्रेतायुग माना जाता है। शंकराचार्य पं. ज्वालाप्रसाद मिश्र, श्री राघवेंद्रचरितम् के रचनाकार श्री भागवतानंद गुरु आदि के अनुसार श्री राम का अवतार श्वेतवाराह कल्प के सातवें वैवस्वत मन्वन्तर के चौबीसवें त्रेता युग में हुआ था। जिसके अनुसार श्रीरामचंद्र जी का समय लगभग पौने दो करोड़ वर्ष पूर्व का है। साइंस के द्वारा रामायण के इतिहास को जानने के लिए कई प्रयास किए गए हैं। लेकिन इस सम्बन्ध में कोई स्पष्ट जानकारी वे प्राप्त नहीं कर पाए हैं। लेकिन हाँ शास्त्रों के अनुसार द्वापर युग 864 000 वर्षों का था और उसके बाद भी अभी कई वर्ष कलयुग के बीत चुके हैं। शंकराचार्य जी और अन्य लोगों के मतों से रामायण को पौने दो करोड़ वर्ष पुराना मानने में हमें कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए।
और यदि आप साइंस की मानते हैं तो नवीन शोध के शोध के अनुसार रामायण काल को लगभग 7323 ईसा पूर्व अर्थात वर्तमान से लगभग 9341 वर्ष पूर्व का बताया गया है।
FAQs
जी नहीं! रामायण काल्पनिक नहीं अपितु ये भारत वर्ष की एक महान गाथा है जिसके सत्य होने के कई प्रमाण मिल चुके हैं जिनमे से राम सेतु एक है।
कुछ और महत्वपूर्ण लेख –
मुझे समझ नहि आताहे कि लोग कहेते हे कि रामायण त्रेता युगमे हुवा था तो क्या त्रेता युग खतम हुवा वस 7000bc हुवा हे?
ये क्येसे सम्भव है।
रामायण 7000bc पुर्ब हुवा बात मुझे ईसी लिए झुट लगता है।
ये सोचने कि बात है ना?
तो रामायण त्रेता युगमे हि हुवा हे तो ये द्वापर युग हि 864,000 साल का है।
Science कुछ भि कहे । यही हे सत्य।
आधी अधुरी रीसर्ज मत कर्ना।
7000bc से पहेले हुवा है या फिर 864,000 पहेले हुवाहे बोलो मत बस रीसर्ज हरके बात कर्ना।
जी बात तो आपकी बिलकुल सही है और हमें अपने धर्म ग्रंथों की बातें मानने में वैसे कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए। लेकिन हाँ कुछ लोग तथ्यों और विज्ञान की बात करते हैं तो उनके लिए भी रामायण काल को लगभग 7323 ईसा पूर्व अर्थात वर्तमान से लगभग 9341 वर्ष पूर्व का बताया गया है।