पृथ्वी पर कई तरह मौसम पाए जाते हैं और यह जीवन के संतुलन के लिए जरुरी भी है। मौसम को ऋतू भी कहा जाता है तथा पृथ्वी पर मुख्य तीन ऋतुओं पायी जाती है गर्मी, वर्षा और ठण्ड। मौसम हर किसी को प्रभावित करते हैं तथा महत्वपूर्ण भी होते हैं। इस लेख में ऋतू प्रवास के बारें में बताया गया है तो आइयें जानते हैं कि ऋतु प्रवास किसे कहते हैं? और ऋतु प्रवास से जुड़ी अन्य कई जानकारियां।
ऋतु प्रवास किसे कहते हैं?
ऋतु प्रवास दो शब्दों से मिल कर बना है, ऋतू और प्रवास जिसमे ऋतू का अर्थ मौसम तथा प्रवास का अर्थ स्थान को छोड़ कर जाना हैं। ऋतू प्रवास उन लोगों के द्वारा किया जाता है जो पहाड़ों पर रहते हैं, तथा जब ठण्ड आती हैं तो वह नीचे की तरफ रहने के लिए चले जाते हैं, यह लोग एक तरह के चारागाह होते हैं जो अपने पशुओं को चराने के लिए हमेशा उचित स्थान की तलाश में रहते हैं तथा मौसम के अनुसार स्थान परिवर्तन करते रहते हैं। ऋतू के बदलने के कारण इन्हें पहाड़ो की ऊंचाई पर पशुओं के लिए उचित खाना नहीं मिल पाता है जिस कारण उन्हें उस स्थान को छोड़ कर दुसरे स्थान पर जाना होता है। सर्दियों में ऊँचाईं पर बर्फ जैम जाती है तथा वहां रहना तथा पशुओं का भरण पोषण कर पाना सम्भव नहीं होता है। इसीलिए यह उस स्थान से प्रवास कर लेते हैं।
ज्ञानग्रंथ का WhatsApp Channel ज्वाइन करिये!यह अपना जीवन व्यतीत करने के लिए पशुओं से प्राप्त दूध आदि का व्यापार करते हैं जिस कारण इन्हें हर मौसम में अपने पशुओं को उचित खाना देने की जरूरत होती है। पहाड़ी क्षेत्रो में शीत के समय पहाड़ो पर रह पाना मुश्कलो भरा होता है इसी कारण ऋतू प्रवास किया जाता है। कई धार्मिक स्थलों पर व्यापार करने वाले व्यापारी भी ठण्ड के समय ऊची पहाड़ी को छोड़ कर नीचे आ जाते हैं।
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