संप्रभुता के सिद्धांत का जनक कौन है

संप्रभुता के सिद्धांत का जनक कौन है?

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By Shubham Jadhav

नमस्कार दोस्तों! आज हम आपको बताएँगे की संप्रभुता के सिद्धांत का जनक कौन है? इस जानकारी को आप अपने मित्रो और परिजनों के साथ भी साझा कर सकते है, किसी प्रकार की परीक्षा में यदि यह प्रश्न पूछा गया तो आप आसानी से इसका उत्तर दे सकेंगे। आइये जानते है इस प्रश्न के उत्तर के बारे में।

संप्रभुता के सिद्धांत का जनक कौन है?

जीन बोंदा ने 1756 में अपनी किताब Six Book Concerning Republic में संप्रभुता शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग किया था। उन्होंने फ्रांसीसी राजा की ताकत को और को मजबूत करने के लिए संप्रभुता की नई अवधारणा का प्रयोग किया था। किसी राज्य की सर्वोच्च सत्ता संप्रभुता कहलाती है। लोगो का अधिकांश हिस्सा किसी निश्चित व्यक्ति की आज्ञाओं का पालन करता हो और वह निश्चित व्यक्ति किसी अन्य प्रधान की आज्ञा पालन करने का आदी ना हो तो उस निश्चित प्रधान व्यक्ति सहित वह समाज राज्य है। संप्रभुता शब्द लेटिन भाषा के ‘Superanus’ से लिया गया है जिसका अर्थ है ‘सर्वोच्च सत्ता’ । साधारण भाषा में कहे तो संप्रभुता किसी राज्य की सर्वोच्च सत्ता को कहा जाता है। सम्प्रभुता के अंतर्गत लोगो के आन्तरिक और बाहरी मामलो के निर्णय पर उच्च अधिकार है तथा संप्रभुता के बढकर अन्य किसी शक्ति का नियंत्रण नही होता है।

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