क्या आप जानते हैं कि संथाल विद्रोह का नेता कौन था अगर नही तो इस लेख को जरुर पढ़े।
संथाल विद्रोह का नेता कौन था
संथाल विद्रोह को संथाल हूल भी कहा जाता है, यह विद्रोह कृषक लोगों को अंग्रेजो के उत्पीड़न से बचाने के लिए किया गया था। इस विद्रोह को चार भाइयो द्वारा चलाया गया था जिनके नाम सिद्धू, कान्हू, चांद और भैरव थे। राजमहल पहाड़ियों में रहने वाले यह किसान और शिकारी ब्रिटिशो के कानूनों से परेशान होने लगे थे जिसके फलस्वरूप उन्होंने विद्रोह का रास्ता चुना।
ज्ञानग्रंथ का WhatsApp Channel ज्वाइन करिये!इन पहाड़ियों पर रह रहे लोग महुआ के फ़ूल इकट्ठा किया करते थे, रेशम के कोया और राल और काठकोयला बनाने व बेचने के लिए लकड़ी भी इकट्ठा करते थे।
इस विद्रोह के मुख्य दो नेता थे जिनका नाम सिद्धू और कान्हू मुर्मू था। झारखंड और पश्चिम बंगाल में यह विद्रोह स्थापित किया गया था। यह आन्दोलन 30 जून, 1855 को प्रारम्भ हुआ था, इन भाइयो ने नीडरता से पारंपरिक हथियारों के साथ 60,000 संथालों को संगठित किया था। इनका विद्रोह सफल हुआ था जिसके बाद अंग्रेजो ने राजस्व प्रणाली, सूदखोरी प्रथा और भारत के आदिवासी क्षेत्र में ज़मींदारी व्यवस्था को हटा दिया था।
चाँद और भैरव 10 जुलाई 1955 को अंग्रेजों द्वारा गोली से मार दिया गया था तथा अन्य भाइयो को बाद में पकड़कर फांसी की सजा देदी गयी।
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