संज्ञा कितने प्रकार की होती है

संज्ञा कितने प्रकार की होती है

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By Shubham Jadhav

इस लेख में आप जानेंगे कि संज्ञा किसे कहते हैं? तथा संज्ञा कितने प्रकार की होती है?

संज्ञा किसे कहते हैं?

किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान के नाम को संज्ञा कहा जाता है। संज्ञा के द्वारा व्यक्ति, वस्तु, प्राणी, गुण, भाव या स्थान के नाम का पता चलता है। संज्ञा एक विकारी शब्द है, विकारी शब्द उन शब्दों को कहा जाता है जो रूप-परिवर्तन करते हैं जैसे कुत्ता, कुत्ते आदि।

उदाहरण – राजू, संतरा, बाईक, टीवी, ताजमहल, दिल्ली।

संज्ञा कितने प्रकार की होती है

संज्ञा के पांच प्रकार होते हैं –

  • व्यक्तिवाचक संज्ञा,
  • जातिवाचक संज्ञा,
  • भाववाचक संज्ञा,
  • द्रव्यवाचक संज्ञा
  • समूहवाचक संज्ञा।

समूहवाचक संज्ञा

समूहवाचक संज्ञा उन शब्दों को कहा जाता है जिनके द्वारा समूह का बोध होता है। उदाहरण के लिए परिवार, सेना, पुलिस, मेला, पुस्तकालय, दल, सभा, झुंड आदि।

द्रव्यवाचक संज्ञा

द्रव्यवाचक संज्ञा उन शब्दों को कहा जाता है जिनके द्वारा द्रव्य का बोध होता है, उदारहण के लिए तेल, पानी, लोहा, घी, हिरा, कोयला, चीनी आदि।

जातिवाचक संज्ञा

जातिवाचक संज्ञा उन शब्दों को कहा जाता है जिनके द्वारा प्राणी या वस्तु की जाति का बोध होता है। उदाहरण के लिए फूल, पेड़, घोड़ा आदि।

व्यक्तिवाचक संज्ञा

व्यक्तिवाचक संज्ञा उन शब्दों को कहा जाता है जिनके द्वारा व्यक्ति, स्थान अथवा वस्तु के नाम का बोध होता है। उदाहरण – दिल्ली, राम, जयपुर, अमेरिका, राकेश, सीता आदि।

भाववाचक संज्ञा

भाववाचक संज्ञा उन शब्दों को कहा जाता है जिनके द्वारा ण , दोष , भाव का बोध होता है। जैसे – भला, बुरा, सुख, दुःख, बचपन, सुन्दरता, गुस्सा, सच, झूठ आदि।

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