आज का प्रश्न है कि सशक्तिकरण का अर्थ क्या है? साथ ही आप जानेंगे कि महिला सशक्तिकरण क्या है?
सशक्तिकरण का अर्थ क्या है?
किसी भी व्यक्ति, समुदाय की राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक, शैक्षिक, लैंगिक, शक्ति में सुधार करना सशक्तिकरण कहलाता है। लोगों के मन में भरे शक्तिहीनता के भाव को खत्म करना, उनकी पहुच संसाधनों तक बनाना तथा संसाधनो को उन तक पहुचने की व्यवस्था भी सशक्तिकरण है।
ज्ञानग्रंथ का WhatsApp Channel ज्वाइन करिये!ऐसा कार्यक्रम जिसका उद्देश्य गरीबों, विशेषकर महिलाओं को सशक्त बनाना है।सबसे पहले उनके सशक्तिकरण की कमी के कारणों को समझना आवश्यक है। तभी हम इन मुद्दों के समाधान के लिए उचित रणनीति विकसित कर सकते हैं। सशक्तिकरण पर विकास क्षेत्रों में व्यापक रूप से चर्चा की जाती है।
महिला सशक्तिकरण क्या है?
महिला सशक्तिकरण को महिलाओं को अपने जीवन के संबंध में निर्णय लेने में सक्षम शक्तिशाली व्यक्ति बनने के लिए सशक्त बनाने की प्रक्रिया के रूप में वर्णित किया जा सकता है, जिससे उनके परिवार और समाज पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। यह सशक्तिकरण महिलाओं को समाज के भीतर अपने उचित अधिकार प्राप्त करने में सक्षम बनाता है और सामाजिक और राष्ट्रीय दोनों में महत्वपूर्ण बदलाव लाने की क्षमता रखता है।
सशक्तिकरण के लिए कई कारको पर ध्यान दिया जाना जरुरी है जैसे स्वतंत्र रूप से निर्णय लेने की क्षमता होना, जानकारीपूर्ण विकल्प चुनने के लिए सूचना और संसाधनों तक पहुंच होना, चुनने के लिए विभिन्न प्रकार के विकल्प होना, सामूहिक शक्ति को बढ़ाने के लिए कौशल प्राप्त करना, लोकतांत्रिक तरीकों से दूसरों की सोच को प्रभावित करने की क्षमता होना
महिला सशक्तीकरण के लिए दिए गए अधिकार
महिलाओं को शक्ति प्रदान करने के लिए और उनका सशक्तीकरण करने के लिए उन्हें कुछ विशेष अधिकार दिए गये हैं जिनके बारे में नीचे जानकारी दी गयी है।
- उत्पीड़न के खिलाफ कानून
- समान वेतन का अधिकार
- संपत्ति पर अधिकार
- कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ अधिकार
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