हमारे धर्म में देवी-देवताओं से जुड़े अलग-अलग तत्वों, तथ्यों एवं वस्तुओं का भी महत्व है। जिस प्रकार देवताओं के अलग-अलग तरह के हथियार एवं वाहन हैं उसी प्रकार उन्हें अलग-अलग तरह के फूल, फल या पेड़ पौधे भी पसंद हैं जिनकी हमारे द्वारा पूजा भी की जाती है। पुराणों में कुछ पौधों एवं वृक्षों को धार्मिक पौधे व वृक्ष का महत्व दिया गया है। उदाहरण के तौर पर भगवान विष्णु का पसंदीदा केले का पेड़ है। भगवान शिव को शमी के फूल पसंद हैं। कहा जाता है कि शिव जी को शमी के फूल अर्पित करने से वे प्रसन्न रहते हैं व आशीर्वाद प्रदान करते हैं इसके अलावा शमी का पेड़ न्याय के देवता शनि को भी पसंद है। शमी का पेड़ एक चिकित्सीय पेड़ है तथा बहुत ही उपयोगी माना जाता है। आज हम जनेंगे कि शमी का पौधा घर में लगाना चाहिए या नहीं?
शमी के पौधे की पहचान
इसे इंग्लिश में White Kutch कहा जाता है, यह एक ओषधिय पौधा है। यह 18 मीटर तक हो सकता है, या हहर मौसम में हरा रहने वाला पौधा है. तथा इसकी छाल कटी फटी होती है और इसका रंग भूरे रंग का होता है। कई बार जिसकी शाखाएं सफेद-प्यूब्सेंट तथा छाल सफेद होती है।
शमी का पौधा घर में लगाना चाहिए या नहीं?
Shami Plant: शमी का पौधा घर में लगाना चाहिए। इससे शनि देव के प्रभाव को कम किया जा सकता है। अगर घर के चारों ओर शमी का पेड़ हो तो शनि देव का प्रभाव कम हो सकता है। इसकी शाखाएँ अक्सर झुकी हुई रहती है, और पत्तियां मोती होती है।
शमी के पौधे के फायदे (Shami Plant Benefits)
- इसके फल, पत्ते, जड़ को शनि द्रव को चढ़ाने से शनि देव का प्रभाव कम होता है और वह प्रसन्न होते हैं।
- घर में शमी का पेड़ लगाने से सुख, शांति बनी रहती है तथा घर के हर सदस्य को इसका लाभ मिलता है।
- शमी का पौधा नकारात्मक ऊर्जा से बचाता है तथा सकारात्मकता को बढाता है जिस कारण वातावरण में ख़ुशी रहती है।
- कई बिमारियों में लाभकारी माना गया है जैसे श्वसन मार्ग के संक्रमण, दाद, दस्त आदि।
- पित्त दोष को संतुलित करता है तथा कफ आदि में सहायक होता है।
- कई बार यह कसी जिव के काट लेने पर भी उपयोगी होता है जैसे बिच्छु आदि के काटने पर।
कैसे करें देखभाल
इस पोधे को सही से प्रकाश की जरूरत होती है, इसके लिए इसे हमेशा रौशनी में ही रखना चाहिए, समय समय पर इस पौधे की छटाई की जानी चाहिए ताकि यह सही से बढ़ सके। इसे अन्य पौधो की तुलना में ज्यादा पानी की जरूरत नहीं होती है इसके लिए इसे कम ही पानी देना चाहिए।
किस दिशा में लगाएं पौधा
शमी के पौधे को हमेशा दक्षिण दिशा में लगाना चाहिए, ऐसा करने से केतु, शनि का प्रभाव कम होता है। कई लोगों का मानना है कि शमी के पेड़ के नीचे शिवलिंग की स्थापना करने से और उनकी आराधना करने से सारी मनोकामनाएँ पूर्ण होती है तथा शनि देव् भी शमी के फूल का उपयोग करने से प्रसन्न होते है आपको मुश्किलों से निकालते है।
किस दिन लगाएं शमी का पौधा
शमी का पौधा हमेशा शनिवार के दिन लगाना चाहिए क्योकि यह पौधा शनि देव तथा शिव जी सम्बन्धित है। हमेशा एक अच्छे से स्थान पर इस पौधे को लगाने के लिए कहा जाता हैं जहा साफ़ सफाई हो। शनिवार को इस पौधे को लगाने से साढ़ेसाती का प्रभाव खत्म होता है।
शमी के पौधे का महत्व
हिन्दू धर्म में तुलसी के पौधे के समान और भी कई पौधे है जो अत्यधिक महत्व रखते हैं तथा इनकी पूजा करने से ईश्वर प्रसन्न होते हैं। जिस तरह तुलसी में भगवान विष्णु और लक्ष्मी का वास होता है उसी तरह शमी के पौधे के पूजन से शानिदोष दूर होता है। शिव जी, शनि देव, गणेश जी और माता दुर्गा इस पौधे की पूजा करने से प्रसन्न होते हैं तथा इस पुढे के आहे सरसों के तेल का दीपक लगाने से बाधाएं दूर होती है।
अन्य भाषा में शमी के पोधे के नाम
- हिंदी : शमी, चिक्कुर (Chikkur), खेजड़ी
- अंग्रेजी : प्रोसोपिस सिनेरिया
- कोंकणी : ज़ेम्बी, शमी
- तमिल : परंबाई, कालीसम, जम्बू
- तेलुगु : जांबी, जम्मी चेट्टू
- संस्कृत : शमी, शिव, मंगल्या, सत्तुफल, तुंगा, केशहात्री, लक्ष्मी, शिवफल
- कन्नड़ : पेरामबाई, बन्नी, तकीते
- उड़िया : खोदिरो, शमी, सोमी
FAQs
शमी के पेड़ में जल चढ़ाने से घर में कभी भी धन की कमी नहीं होती है।
अंग्रेजी में प्रोसोपिस सिनेरिया, कन्नड़ में पेरामबाई, बन्नी, तकीते कहते हैं।
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