आइयें जानते हैं कि शमी पत्र कब तोड़ना चाहिए?
शमी पत्र कब तोड़ना चाहिए?
सावन का महीना भगवान शिव के लिए बहुत महत्व रखता है और इस दौरान भक्त उन्हें प्रसन्न करने के लिए तरह-तरह के प्रयास करते हैं। शिवलिंग पर धतूरा, मदार के फूल और बिल्व पत्र के साथ शमी पत्र चढ़ाना शुभ माना जाता है। सावन का महीना भगवान शिव की पूजा के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है और इस महीने में की गई भक्ति का फल कई गुना बढ़ जाता है। सावन में भगवान शिव को शमी पत्र चढ़ाना शुभ माना जाता है क्योंकि शास्त्रों में शमी के पेड़ को पवित्र माना गया है। ऐसा माना जाता है कि भगवान श्री राम ने रावण को परास्त करके लौटने पर शमी वृक्ष की पूजा की थी और महाभारत में अपने वनवास के दौरान पांडवों ने अपने हथियार शमी वृक्ष में छिपाए थे।इसलिए शमी के पेड़ का विशेष महत्व है।
शमी पत्र को भगवान शिव का पसंदीदा पत्ता माना जाता है, यही कारण है कि आप उनका विशेष आशीर्वाद प्राप्त करने और उन्हें प्रसन्न करने के लिए इसे बिल्व पत्र के साथ चढ़ा सकते हैं। हालांकि अमावस्या, रविवार और सोमवार को शमी पत्र नहीं तोड़ने की सलाह दी जाती है। इन दिनों के अलावा आप किसी भी दिन शमी पत्र तोड़ने के लिए स्वतंत्र हैं। शिवलिंग पर शमी पत्र चढ़ाने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त की जा सकती है।
शमी के पत्ते के लाभ
प्राचीन ग्रंथों के अनुसार, शमी पत्र शिवलिंग पर चढ़ाने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं। शिवलिंग पर शमी पत्र चढ़ाने से घर-परिवार में सुख-शांति आती है, साथ ही बीमारियों से भी मुक्ति मिलती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सोमवार के दिन शिवलिंग पर शमी पत्र चढ़ाने से कुंडली के नकारात्मक दोषों से मुक्ति मिलती है। शिवलिंग पर शमी पत्र चढ़ाने से भी शनि के दुष्प्रभाव से मुक्ति मिल सकती है। सोमवार के दिन शिवलिंग पर शमी पत्र चढ़ाने से न सिर्फ शत्रुओं से सुरक्षा मिलती है, बल्कि जीवन में सफलता भी मिलती है। ऐसा माना जाता है कि शिवलिंग पर शमी पत्र चढ़ाने से शुभ फल की प्राप्ति होती है और भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं। शिवलिंग पर शमी पत्र चढ़ाने से जीवन में सभी प्रकार की बाधाएं दूर होती हैं और खुशहाली आती है।
FAQs
सोमवार को शमी के पत्ते तोड़े जा सकते हैं यह शुभ माना जाता है।
शमी के पत्ते चढ़ाने से शंकर भगवान प्रसन्न होते हैं।
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