अगर आप शर्तों पर शायरी की खोज में है तो आपको इस लेख में बहुत सी शायरियां दी गयी है जो आपके काम आ सकती हैं जिन्हें आप कॉपी कर सकते हैं।
शर्तों पर शायरी

तेरी हर बात भी हमें मंजूर है।
तेरा हर काम भी हमें मंजूर है।
ये चाहे चाय के कप गिलास धोना हो या खाना बनाना।
तेरी हर शर्त भी हमें मंजूर है।
यूं तो शर्तों की स्याही से,
प्यार की इबारत लिखी नहीं जाती ,
न तो प्यार की जरूरत है ,
न ही प्यार का दस्तूर है ।
मन की लगी अब सोचता ही नही
मगर तेरे खातिर शर्तों को माना मैने
हर शर्त तेरी भी हमें मंजूर है
मगर प्यार करना तुझे जरूर है
तेरी हर शर्त भी हमे मंजूर है, इस मोहब्बत के सफर में,
तुम भी मेरी मंजिल ,मेरी कश्ती, मेरा किनारा बनोगी ना?
यूं तो शर्तों पर चलके टूट जाना फितरत नहीं हमारी,
गर मै टूटकर बिखरूं, तुम सहारा बनोगी ना?

शर्तों पर
तो सौदे होते है,
प्रेम नहीं !!
अगर जो मुमकिन
होता तो चुरा लेते,
वो लम्हें जो तुमको
उदास करते है !!
ये शर्त मानने वाली बात
बाद में शुरू हुई
पहले तो
सिलसिला कुछ यु था
की बेपनाह प्यार था
और बिना जंजीरो के
उसका आना
मुझे बुलाना

किसी को बदलने की शर्त पर
रिश्ते नहीं बना करते ।
और जो बना जाते है
वो अक्सर चला नहीं करते ।
वो प्यार क्या है जो शर्तों पर हो
मगर तूने प्यार शर्तों पर किया
अगर जिंदगी में कमी थी कोई
उसे भी तूने अर्थों में लिया
प्यार की तो बस एक ही शर्त होती है
कि इसमें कोई शर्त नहीं होती है।
सुना है दिल तोड़ने का हुनर तुझमे खूब है
फिर भी तू मेरा नखरीला महबूब है।
मेेरे प्यार की इंतहा तो देख ऐ संगदिल सनम
तुझ से जुदाई वाली तेरी हर शर्त भी हमे मंजूर है।
तेरी हर शर्त भी हमे मंजूर है, इस मोहब्बत के सफर में,
तुम भी मेरी मंजिल ,मेरी कश्ती, मेरा किनारा बनोगी ना?
यूं तो शर्तों पर चलके टूट जाना फितरत नहीं हमारी,
गर मै टूटकर बिखरूं, तुम सहारा बनोगी ना?
तलाशता हूँ खुद को इन शर्तों की परतों के बीच ,
मैं खुद भी कुछ हूँ ? या महज शर्तें ही हैं मेरा वजूद ?
सम्बन्धित लेख –