शिवलिंग क्या है और कैसे बना

शिवलिंग क्या है और कैसे बना

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By Shubham Jadhav

जो भी भगवान शिव की सच्चे मन से आराधना तथा पूजा पाठ करता है उसकी सारी मनोकामनाएँ पूर्ण होती है तथा उसके जीवन में सुख समृद्धि बनी रहती है। हम भगवान शंकर की पूजा शिवलिंग के रूप में करते है, तो आखिर यह शिवलिंग क्या है और कैसे बना ? इस बारे में आज हम इस लेख के माध्यम से आप तक शिवलिंग से जुड़ी सारी जानकारियां पहुचाने की कोशिश करेंगे तथा आपको शंकर शिवलिंग की उत्पत्ति के बारें में भी बताएँगे।

शिवलिंग क्या है और कैसे बना?

शिवलिंग भगवान शिव का प्रतीक है जिसका आकार बेलनाकार होता है, शिवलिंग का ऊपरी अंडाकार भाग परशिव का प्रतिनिधित्व करता है तथा निचला भाग पीठम् पराशक्ति का प्रतिनिधित्व करता है। शिवपुराण के अनुसार भगवान शंकर ही सबसे दिव्य देव है जो हर कार्य के लिए उत्तरदायी है तथा संसार के परमेश्वर है। शिव पुराण में शिवलिंग के बारें में भी बहुत कुछ कहा गया है, कहा जाता है कि शिवलिंग सम्पूर्ण ब्रह्मण का प्रतीक है तथा स्कन्द पुराण में भी कहा गया है “अनंत आकाश शिवलिंग है और पृथ्वी उसका आधार है। समय के अंत में समस्त ब्रह्मांड और समस्त ईश्वर शिवलिंग में विलीन हो जाएँगें।

शिवलिंग में लिंग का अर्थ संस्कृत में चिन्ह, प्रतीक होता है इसी प्रकार शिवलिंग का अर्थ हुआ शिव का प्रतीक। शिवलिंग ही सम्पूर्ण ब्रह्मांड है, शून्य, आकाश, अनन्त, ब्रह्मांड और निराकार परमपुरुष आदि का प्रतीक होने से इसे लिंग कहा गया है।

शिवलिंग

कैसे हुई शिवलिंग की उत्पत्ति

पौराणिक कथा के अनुसार संसार के निर्माण के बाद भगवान विष्णु और ब्रह्माजी में इस बात को लेकर विवाद हो गया कि दोनों मेसे कौन शक्तिशाली है और बात युद्ध तक पहुच गयी, इसके बाद दोनों को आकाश में एक चमकदार पत्थर दिखाई पड़ा और भविष्यवाणी हुई कि जो भी इसका अंत या प्रारम्भ खोज लेगा वही सबसे शक्तिशाली होगा भगवान विष्णु नीचे तो भगवान ब्रह्मा ऊपर चले गए पर दोनों मेसे कोई भी अंत न खोज सका इसके बाद विष्णु जी और ब्रह्मा जी दोनों पुनः स्थान पर लोट आये जिसके बाद भगवान विष्णु ने सत्य कह दिया कि वो इस खोज में असफल रहे हैं परन्तु भगवान ब्रह्मा ने असत्य कहा और कहा कि वो इस पत्थर का अन्त खोजने में सफल रहे हैं यह सुन कर शंकर भगवान अपने साकार रूप में प्रकट हुए और उन्होंने कहा कि यह पत्थर शिवलिंग है जिसका न अंत है न आरम्भ, जिसके बाद से शिवलिंग को भगवान शंकर के रूप में पूजा जाता है क्योकि भगवान शंकर को अनादी कहा गया है।

FAQs


विज्ञान के अनुसार भगवान शिव कौन है?

शिव ही सर्वोच्च भगवान हैं जो ब्रह्मांड की रचना, रक्षा तथा परिवर्तन करते हैं ।

शिव का वास कहाँ है?

शिव का वास कैलाश पर्वत पर है।

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