नमस्कार! क्या आप भी जानना चाहते हैं कि महाशिवरात्रि क्यों मनाई जाती है? आखिर क्या है इस पर्व को मनाने के पीछे की कथा? तो आज हम आपके लिए लेकर आये हैं यह लेख जिसमें आप अच्छे से जान लेंगे कि क्यों महाशिवरात्रि धूमधाम से मनाई जाती है और इसके पीछे का कारण क्या है?
महाशिवरात्रि क्यों मनाई जाती है?
Maha Shivratri : पौराणिक कथाओं के अनुसार महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव तथा पार्वती जी का विवाह हुआ था, जिस कारण यह दिन शिव भक्तो के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है तथा इस दिन हर शिव भक्त भगवान शिव की भक्ति में लीन रहता है। इस दिन व्रत रखने से जीवन में सुख समृद्धि आती हैं तथा सारे कष्ट मिट जाते हैं। अगर आप शिवरात्रि के दिन भगवान शकंर की पूजा आराधना करते हैं तो इस सब से वह प्रसन्न हो कर आपनी मनोकामना भी पूर्ण करते हैं तथा आपके दुखो को भी हर लेते हैं और आपको मनचाहा वरदान तक देते हैं।
ज्ञानग्रंथ का WhatsApp Channel ज्वाइन करिये!भगवान शिव तीनो लोको के स्वामी है तथा त्रिदेवो में से एक देव है। जिनके पास दिव्य शक्तियां है जो हर तरह के दुखो को हरने की क्षमता रखते हैं।
महाशिवरात्रि के दिन नक्षत्रो की स्थित बहुत ही शुभ मानी जाती है, इसलिए इस दिन शिव जी की आराधना का फल जल्द ही मिल जाता है। महाशिवरात्रि के पुरे दिन व्रत रखा जाता है जिसके कई नियम होते हैं जैसे नमक का सेवन नहीं करना, केवल फलाहार करना, शिवरात्रि के पुरे दिन इस व्रत को किया जाता है तथा सुबह जल्द स्नान कर भगवान शिव की आराधना में लगना होता है।
हर फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि का यह त्यौहार मनाया जाता है। इस दिन शिवजी का जलाभिषेक करे उनकी पूरी विधि विधान से पूजा आदि करें ऐसा करने से आप पर उनकी कृपा हमेशा बनी रहेगी। इस दिन दान का भी बड़ा महत्व है अगर आप इस दिन दान करते हैं तो आपके पास कभी भी धन-धान्य की कमी नही होती है।
शिवरात्रि पर ॐ हौं जूं सः। ॐ भूर्भुवः स्वः। ॐ त्रयम्बकं यजामहे सुगंधिं पुष्टिवर्धनम्। उर्व्वारुकमिव बन्धानान्मृत्यो मुक्षीय मामृतात्। ॐ स्वः भुवः भूः ॐ। सः जूं हौं ॐ। मंत का जाप करना चाहिए। शिवलिंग पर जल, दूध, दही, शहद आदि चढ़ाना चाहिए तथा बिल पत्र चढाने से भी लाभ प्राप्त होता है।
हम आशा करते हैं कि आप समझ गये होंगे कि महाशिवरात्रि क्यों मनाई जाती है व शिवरात्रि मनाने का कारण क्या है और शिवरात्रि कब मनाई जाती है।
FAQs
2024 में शिवरात्रि 8 March को मनाई जाएगी।
इस दिन भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती जी का विवाह सम्पन्न हुआ था।
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