श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र के फायदे

ये हैं श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र का अर्थ व फायदे : अभी जान लीजिये!

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By Shubham Jadhav

श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र की महिमा: जैसा कि हम सभी जानते हैं कि शंकर भगवान को प्रसन्न करना बहुत ही आसान है इसीलिए उन्हें भोलेनाथ भी कहा जाता है, इसके अलावा भी शिवजी के कई नाम हैं। ऐसे कई उदाहरण हैं जब बाबा भोलेनाथ ने कई असुरों को भी वर दिए हैं और हमारा महादेव तो ऐसा है कि बिन मांगे भी सबकी सुन लेता है और हमारी इच्छाएं पूरी कर देता है। शिव जी का एक मन्त्र है “श्री शिवाय नमस्तुभ्यं” मंत्र इसका पूरी निष्ठा के साथ जाप करने से भगवान शंकर प्रसन्न हो जाते हैं और आपकी मनोकामनाए पूर्ण कर देते हैं, आपके जीवन के कष्ट हर लेते हैं। आइये जानते हैं कि क्या हैं श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र के फायदे, श्री शिवाय नमस्तुभ्यं का अर्थ, इसके जाप की विधि और इस मंत्र से जुडी कुछ अन्य महत्वपूर्ण जानकारियाँ।

श्री शिवाय नमस्तुभ्यं का हिंदी अर्थ

इस मंत्र का साधारण सा अर्थ है कि “हे श्री शिव आपको मेरा नमस्कार है”। यहाँ शिवाय का अर्थ भगवान शिव से है तथा नमस्तुभ्यं का अर्थ नमस्कार से है। इससे मिल कर यह एक पूरा वाक्य बनता है कि “हे श्री शिव आपको मेरा नमस्कार है।”

शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र के फायदे
श्री शिवाय नमस्तुभ्यं का हिंदी अर्थ

श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र का जाप की विधि

इस जाप का आरम्भ करते समय आपको इस बात का ध्यान रखना है कि ऊन के बने आसन का उपयोग करें और इस आसन का ही हर बार आपको इस्तेमाल करना है इसे बार-बार परिवर्तित नहीं करना है। इस मंत्र का जाप प्रातः काल में किया जाना चाहिए साथ ही एक समय निश्चित कर लेना चाहिए और हर रोज़ उसी समय पर इस मंत्र का जाप करना चाहिए। 108 मोती की माला के साथ इस मंत्र का 108 बार जाप करने से लाभ प्राप्त होता है और ऐसा करना 1 लाख 8 हजार बार महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने के बराबर है। शंकर भगवान के फोटो को समीप रख कर यह जाप किया जाता है। और मंदिर में या घर में बने मंदिर के सामने बैठ कर भी यह जाप किया जाता है।

क्या श्री शिवाय नमस्तुभ्यं नहाने के बाद ही जपना चाहिए?

श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र के फायदे

इस मंत्र का जाप करने से केवल मनोकामनाएं ही पूर्ण नहीं होती है अपितु इस मंत्र के जाप से बहुत सी बीमारियों में भी आराम मिलता है। पंडित प्रदीप मिश्रा जी कहते हैं कि इस मंत्र के जाप से हार्टअटैक, कैंसर जैसी भयानक बीमारियों का उपचार भी संभव है। पीड़ित के चिकित्सक तक पहुचने तक यदि उसके समीप यह जाप किया जाए तो इस जाप से काफी लाभ मिलता है।

ऐसी मान्यता भी है कि इस मंत्र के जाप से लकवे और बुखार के मरीज़ को भी फायदा पहुँचता है। यदि लकवे के मरीज को शिव जी पर चढ़ा हुआ सरसों का वह तेल लगाया जाए जिस के साथ काली मिर्ची, लोंग, कमलगट्टे, बेलपत्र, शनि पत्र का भी उपयोग किया गया हो तो इस तेल की मालिश से लकवे का इलाज सम्भव होता है। इस मंत्र को हजार महामृत्युंजय मंत्र के बराबर माना गया है। इस मंत्र का जाप करने से  सुख, समृद्धि, धन लाभ, शांति की प्रप्ति भी होती है।

श्री शिवाय नमस्तुभ्यं का जाप 108 बार

इस वीडियो में आपको श्री शिवाय नमस्तुभ्यं का जाप 108 बार सुनने को मिलेगा। आप इसे अपने कंप्यूटर या मोबाइल पर लगा कर इस मंत्र का लाभ उठा सकते हैं।

श्री शिवाय नमस्तुभ्यं 108 मंत्र माला

निष्कर्ष:

आज हमने जाना कि श्री शिवाय नमस्तुभ्यं का मतलब होता है “हे श्री शिव आपको मेरा नमस्कार है”। अगर इस मंत्र के तीनों शब्दों का अलग अलग मतलब निकालें तो यहां श्री तो सम्मान देने के लिए है, शिवाय का अर्थ भगवान् शिव से है और नमस्तुभ्यं का अर्थ होता है नमस्कार। ऐसे यह पूरा वाक्य बनता है “हे श्री शिव आपको मेरा नमस्कार है।”

आशा करते हैं आपको यह लेख पसंद आया होगा। कृपया इसे अपनी मित्रगणों व परिवार के लोगों से शेयर करिये ताकि उन्हें भी पता लगे कि जो मंत्र वे प्रतिदिन जप करते हैं, “श्री शिवाय नमस्तुभ्यं” उसका अर्थ क्या है? साथ ही इसके क्या लाभ भी हैं। साथ ही अच्छे कर्म करें और दूसरों का भला करें। आपका कल्याण हो।

FAQs

श्री शिवाय नमस्तुभ्यं का मतलब क्या होता है?

श्री शिवाय नमस्तुभ्यं का मतलब होता है, “हे श्री शिव आपको मेरा नमस्कार है”। इस मंत्र के माध्यम से भगवान् शिव की आराधना करते हुए उन्हें नमस्कार किया जा रहा है।

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2 thoughts on “ये हैं श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र का अर्थ व फायदे : अभी जान लीजिये!”

  1. A power full Mantra which embodies Shiv and Parwati Ji. Chanting this would amount to paying both Shiv and Shakti.

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