चलिए जानते है कि शुद्ध पानी का टीडीएस कितना होना चाहिए?
शुद्ध पानी का टीडीएस कितना होना चाहिए?
Water TDS: वाटर टीडीएस का फल फॉर्म होता है Total Dissolved Solids जो पानी में मोजूद कुल घुलित लवणों का एक ओसत होता है। जिसके द्वारा यह पाता लगाया जाता है कि पानी में जरूरत से कम या ज्यादा तो लवण मोजूद नही है। पानी में अगर जरूरत से कम लवण होंगे तो वह शरीर के लिए किसी काम का नही होगा और यदि जरूरत से ज्यादा होंगे तो वह शरीर को हानि पहुचा सकते हैं। इन लवणों में कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटैशियम, सोडियम आते हैं जो पानी में अकार्बनिक लवणों के रूप में मोजूद होते हैं। पानी को हमारे घर तक पहुचने में बहुत सी चीजो से हो कर गुजरना होता है जिस कारण उसका टीडीएस कम-ज्यादा हो सकता है।
ज्ञानग्रंथ का WhatsApp Channel ज्वाइन करिये!WHO के अनुसार 50 से 250 टीडीएस से कम का जल उपयोगी नही है, शुद्ध जल का टीडीएस 350 होता है, टीडीएस अगर 300 से 500 है तो यह जल उपयोगी है। 600 से 900 टीडीएस से अधिक के जल को RO की जरूरत होती है और 2000 टीडीएस से अधिक का जल RO से भी शुद्ध नही हो सकता है यह बहुत ही ज्यादा दूषित होता है।
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