जानकारी देने से पहले हम आपको बता दे कि जब दो शब्द मिलते हैं तो पहले शब्द की अंतिम ध्वनि और दूसरे शब्द की पहली ध्वनि आपस में मिलकर जो परिवर्तन लाते हैं उसे संधि कहते हैं। अगर इसे दूसरे शब्द में बताया जाए तो जब दो शब्द आपस में मिलकर कोई तीसरा शब्द बनाते हैं तब जो परिवर्तन होता है उसे संधि कहते हैं। अब हम जानेंगे कि स्वार्थ में कौनसी संधि है?
स्वार्थ में कौनसी संधि है?
स्वार्थ में दीर्घ संधि है। ‘स्वार्थ’ का मतलब ‘वह सोच जो केवल अपने हीत के लिए हो’ होता है। इसका उचित संधि विच्छेद ‘स्व + अर्थ’ है। ह्रस्व या दीर्घ अ, इ, उ के बाद यदि ह्रस्व या दीर्घ अ, इ, उ आ जाएँ तो दोनों मिलकर दीर्घ आ, ई, और ऊ हो जाते हैं, ऐसी संधि को दीर्घ संधि कहा जाता है। इसके उदाहरण निम्नलिखित पंक्तियों में दिए गए हैं :-
विद्या + अर्थी = विद्यार्थी
वधू + ऊर्जा = वधूर्जा
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