ताज महल को दुनिया का सातवाँ अजूबा कहा जाता है, यह एक बहुत ही सुंदर इमारत है जिसे देखने के लिए हज़ारो लोग हर साल आते है। ताज महल को प्रेम का प्रतीक भी माना जाता है क्योकि इसे शाहजहाँ ने अपनी बेगम मुमताज की याद में बनाया था। यह एक बहुत ही सुंदर पर्यटन स्थल है जो नदी के किनारे पर उपस्थित है।
आइये जानते है की ताज महल किस नदी के किनारे बना हुआ है और उससे जुड़ी कुछ जानकारियाँ भी पढ़ेंगे ।
ताज महल कब और क्यों बनाया गया था?
ताज महल का निर्माण मुगल सम्राट शाहजहाँ ने सन 1631 में प्रारम्भ करवाया था जो 1653 में जा कर पूरा हुआ था। ताज महल को बनाने के लिए भारत से बाहर के मजदुर भी बुलाए गये थे, इसे बनाने के लिए भारत, फ़ारस और तुर्की के मजदूर लाये गये थे। यह सफ़ेद संगमरमर से बना हुआ है जो 42 एकड़ के एक विशाल परिसर में फेला हुआ है। इसमें प्रवेश द्वार, चार बाग, मीनारें, छतरियाँ आदि है जो इसे बहुत सुंदर बनाती है।
ताज महल को बनाने का मुख्य कारण था शाहजहाँ का मुमताज के लिए प्यार, शाहजहाँ ने मुमताज की म्रत्यु के बाद उसकी याद में उसकी मजार बनवाई थी यही ताज महल कहलाता है, ऐसा भी माना जाता है की मुमताज़ महल ने मरते वक्त मकबरा बनाए जाने की इच्छा जताई थी जिसके बाद शाहजहां ने ताजमहन बनावाया।
ताज महल किस नदी के किनारे स्थित है? (Tajmahal Kis Nadi Ke Kinare Sthit Hai)
ताजमहल आगरा शहर में “यमुना नदी” के किनारे स्थित है। आगरा शहर भारत की राजधानी दिल्ली से 250KM की दुरी पर स्तिथ है। यमुना नदी के किनारे बना यह ताजमहल पुरे विश्व में अपनी सुन्दरता के कारन जाना जाता है। प्रेम की ये निशानी कहा जाने वाला ताज महल सेकड़ो सालो से सुरक्षित और सुंदर है।
दुनिया की सबसे खुबसुरत प्राचीन इमारत में शामिल यह ताज महल यमुना नदी के किनारे कई सालो से एक प्रसिद्द प्रयटन स्थल बना हुआ है।
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