थाली का बैंगन मुहावरे का अर्थ क्या है

थाली का बैंगन मुहावरे का अर्थ क्या है

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By Shubham Jadhav

मुहावरे और लोकोक्ति का उपयोग कम शब्दों में या कटाक्ष के रूप में वाक्यों को कहना होता है। दैनिक जीवन में हम कई मुहावरो का उपयोग करते हैं तथा कई बार मुहावरे विद्यार्थियों को परीक्षा में भी पूछे जाते हैं इसीलिए हमे अधिकांश मुहावरो का अर्थ पता होना चाहिए ताकि हम उनका सही से उपयोग कर सके, आज के लेख में आप जानेंगे कि थाली का बैंगन मुहावरे का अर्थ क्या है और हमारी इस साईट पर आपको कई अन्य मुहावरों के बारे में भी पढ़ने को मिल जाएगा।

थाली का बैंगन मुहावरे का अर्थ क्या है?

थाली का बैंगन मुहावरे का अर्थ होता कि अस्थिर विचार का इंसान, अस्थिर चित्त का व्यक्ति होना, जिस इन्सान का कोई सिद्धांत न हो, फायदा देख कर उस तरफ होने वाला आदि।

थाली का बैंगन मुहावरे का वाक्यों में प्रयोग

  • अमृत थाली का बैगन है हमेशा जहाँ फायदा होता है वहा चला जाता हैं।
  • हितेश की आदतों की वजह से उसे लोग थाली का बैंगन बुलाने लगे हैं।
  • जितेन्द्र ने विक्रम का साथ छोड़ कर हरीश का साथ कर लिया है क्योकि उसके साथ रहने में उसका ज्यादा फायदा है इसीलिए विक्रम उसे थाली का बैंगन कह कर चिड़ाता है।
  • कभी भी सिद्धांतो को नही छोड़ना चाहिए वरना लोग आपको थाली का बैंगन कहने लगेंगे।

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