ठोस अवस्था किसे कहते हैं?

ठोस अवस्था किसे कहते हैं?

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By Shubham Jadhav

आइये जानते हैं कि ठोस अवस्था किसे कहते हैं?

ठोस अवस्था किसे कहते हैं?

पदार्थ की मुख्य तीन अवस्था होती है – द्रव, गैस, ठोस। ठोस पदार्थ की वो अवस्था है जिसमे पदार्थ का आयतन, अवस्था निश्चित होती है जो किसी निश्चित तापमान पर बदल सकती है। जैसे पत्थर, लकड़ी, बर्फ आदि। ठोस के कण बहुत ही निकट होते हैं जिस कारण यह स्थिति बनती है। एवं इन कणों के बीच अन्तराण्विक बल भी काफी प्रबल होता है क्योकि यह पूरी तरह से वायु की तरह स्वतंत्र नही होते हैं और निश्चित स्थान पर ही हिल सकते हैं। दाब लगाकर इसके आयतन को कम नही किया जा सकता हैं अर्थात सम्पीड्यता भी काफी कम होता है। ठोस के मुख्य दो प्रकार है –

  • क्रिस्टलीय ठोस
  • अक्रिस्टलीय ठोस

क्रिस्टलीय ठोस

इस प्रकार के ठोस में क्रिस्टल का निश्चित ज्यामितीय आकार होता है। इसके मुख्य उदाहरण – लोहा, ताँबा और चाँदी तथा सोडियम क्लोराइड, जिंक सल्पाइड और नेप्थेलीन क्रिस्टलीय ठोस के अंतर्गत आते हैं।

अक्रिस्टलीय ठोस

इस प्रकार के ठोस के अन्दर पर्याप्त दूरी तक परमाणुओं का कोई निश्चित विन्यास मोजूद नहीं होता है, यह उच्च तापमान पर नरम हो जाते हैं इसके उदाहरण काँच, वसा, मोम, डामर है।

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