उपमा अलंकार के कितने अंग होते हैं

उपमा अलंकार के कितने अंग होते हैं?

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By Shubham Jadhav

जैसा की हम सभी जानतें हैं कि अलंकार किसी भी वाक्य का श्रृंगार कहा जाता है। आज के इस आर्टिकल हम जानेंगे कि उपमा अलंकार किसे कहते हैं? एवं उपमा अलंकार के कितने अंग होते हैं?

उपमा अलंकार

यदि किसी वस्तु की उसके किसी मुख्य स्वभाव, विशेष गुण, क्रिया, या स्वभाव आदि की समानता के आधार पर अन्य अप्रस्तुत से समानता को स्थापित करने का प्रयास हो वहां उपमा अलंकार होता है। जैसे हरि पद कोमल कमल से -अर्थात भगवान विष्णु के पैरों को कमल के पुष्प के समान कोमल कहा गया है। जो उपमा अलंकार का उदाहरण है।

उपमा अलंकार के कितने अंग होते हैं?

उपमा अलंकार के कुल चार अंग हैं।

उपमेय

जब किसी काव्य में किसी की समान गुण धर्म के आधार पर तुलना की उपमेय कहते है।

उपमान

प्रस्तुत उपमेय की तुलना जिस वस्तु के साथ की जाती है उसे उपमान कहा जाता हैं।

साधारण धर्म

उपमेय और उपमान के मध्य समान गुणधर्म को साधारण धर्म कहा जाता है।

वाचक शब्द क्या है?

जो शब्द उपमेय तथा उपमान के मध्य समानता को दर्शाते हैं वे वाचक शब्द कहलाते हैं। जैसे: सा, सी, सम, सरिस, जैसा, ज्यो आदि।

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